जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे पश्चिम बंगाल में राजनीतिक लड़ाई तेज होती जा रही है। रविवार (मार्च 21, 2021) को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में इंडियन सेकुलर फ्रंट (ISF) के एक नेता के घर में आग लगा दी गई। यह घटना भांगोर थाना क्षेत्र के शापा में हुई।
आईएसएफ नेता अजीत मोल्ला पार्टी प्रमुख अब्बास सिद्दीकी की रैली में भाग लेने के बाद घर लौट रहे थे, इसी दौरान उनके घर में आग लग गई। पुलिस ने बताया कि घटना में कोई घायल नहीं हुआ है।
हाल ही में इंडियन सेकुलर फ्रंट ने राज्य में लगातार हमले के लिए तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी पर दोष लगाया, जबकि TMC ने आरोपों का खंडन किया है। इस मामले में भी आईएसएफ ने आरोप लगाया कि अजीत मोल्ला के घर को कथित तौर पर तृणमूल कॉन्ग्रेस के ‘गुंडों’ ने आग लगा दी क्योंकि उन्होंने रविवार को अब्बास सिद्दीकी की रैली में भाग लिया था।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि उन्होंने घटना के संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया है और मामला दर्ज किया है। उसी रात, पुलिस ने जिले के बरुईपुर थाना क्षेत्र में चलतबेरिया से 20 क्रूड बम भी बरामद किए।
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में पश्चिम बंगाल के विवादित मौलवी अब्बास सिद्दीकी पर तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला बोला था। फुर्फूरा शरीफ पीरजादा को दक्षिण 24 परगना के भांगर क्षेत्र में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने घेर कर पीटा था। वहाँ वह अपने एक अनुयायी से मिलने गया था।
इस घटना का एक वीडियो क्लिप भी सामने आया था। इसमें टीएमसी गुंडों को सिद्दीकी को धमकाते, गाली देते हुए देखा गया। इसके अलावा टीएमसी के गुर्गों ने दरवाजे और खिड़कियों को तोड़ कर भी घर में घुसने की कोशिश की।
पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री के बाद तृणमूल कॉन्ग्रेस के खेमे में बेचैनी है, क्योंकि ममता बनर्जी ने पिछले एक दशक में मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर खासी सक्रियता दिखाई है। अब पश्चिम बंगाल में ओवैसी को बंगाल के सबसे प्रभावशाली मौलानाओं में से एक अब्बास सिद्दीकी का साथ मिल रहा है। विश्लेषक मानते हैं कि 2011 में मुस्लिम वोट बैंक के सहारे ही ममता बनर्जी ने साढ़े 3 दशक से सत्ता पर काबिज वामपंथियों को हराया था।
मौलाना अब्बास सिद्दीकी पहले से ही विवादित चेहरा रहे हैं। अप्रैल 2020 में उन्होंने कहा किया था कि अल्लाह कोई ऐसा वायरस भेज दे, जिससे भारत में 20-50 करोड़ लोग मारे जाएँ। जब CAA को लेकर उपद्रव हो रहा था, तो उसने धमकी दी थी कि अगर इस कानून को बंगाल में वापस नहीं लिया गया तो वो कोलकाता एयरपोर्ट को ठप्प कर देगा।