कठुआ कांड मामले में पठानकोट की विशेष अदालत ने छ: अभियुक्तों को दोषी ठहराया। मुख्य अभियुक्त सांझी राम के बेटे विशाल जंगोत्रा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। फ़िलहाल, इस मामले में 7 में से 6 अभियुक्तों को दोषी पाया गया है। छ: अभियुक्तों में से तीन को उम्रक़ैद की सज़ा मिली है और बाक़ी तीन को 5-5 साल की क़ैद और ज़ुर्माने की सजा मिली है। पिछले साल मई में, ऑपइंडिया ने बताया था कि कठुआ बलात्कार और हत्या के मामले में जंगोत्रा वास्तव में उस दिन मुजफ्फरनगर में मौजूद था, जब पुलिस आरोपपत्र में उसके कठुआ में होने की बात कहती रही।
ख़बर के अनुसार, विशाल का परिवार इस मामले में शुरुआत से ही यह दावा करता रहा कि क्राइम ब्रांच की जाँच में कहीं न कहीं कुछ तो ग़लत है, क्योंकि विशाल जंगोत्रा अपराध के समय वहाँ मौजूद नहीं था। जम्मू क्राइम ब्रांच टीम द्वारा दायर चार्जशीट पर संदेह के बादल इसलिए भी छाए, क्योंकि कई रिपोर्टों में दावा किया गया था कि इसमें कई तथ्यात्मक विसंगतियाँ मौजूद थीं।
स्वघोषित फ़ैक्ट-चेकर वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक, जिसने हाल ही में अलीगढ़ में तीन साल की टीना (बदला हुआ नाम) की हत्या और संभावित बलात्कार के एक प्रमुख आरोपित असलम के अपराधों पर पर्दा डाला था, उसने ऑपइंडिया की रिपोर्ट को ख़ारिज और बदनाम करने का काम किया।
That’s Opindia for you. pic.twitter.com/GGSna6S5QX
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) October 6, 2018
AltNews ने ऑपइंडिया की संपादक नूपुर जे शर्मा के ओपिनियन को आधार बनाते हुए ज़हर उगला। अपने ओपिनियन में नूपुर जे शर्मा ने नारीवाद पर वामपंथियों के पाखंड का पर्दाफ़ाश किया था और इस बात का उल्लेख किया था कि यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोपों के बाद वो (वामपंथी) अपनों का बचाव कैसे करते हैं। ज़ुबैर ने यह बताने की कोशिश की कि कैसे ऑपइंडिया जम्मू क्राइम ब्रांच की चार्जशीट पर सवाल उठाते हुए एक रिपोर्ट लिखकर ‘जंगोत्रा’ का बचाव करने की कोशिश में था।
अब जब विशेष अदालत द्वारा जंगोत्रा को बरी कर दिया गया है, तो इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली जनता ने अपने विवेक से दुष्प्रचार और पाखंड की ‘फ़ैक्ट- चैकिंग’ वेबसाइट (AltNews) के सह-संस्थापक को याद दिलाने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
That’s Alt News for you.@AltNews is basicaly a resources to run fake propaganda of Liberals.@zoo_bear @free_thinker @NirjhariSinha pic.twitter.com/I8c1Kvh5Zg
— Shash (@pokershash) June 10, 2019
Vishal has been acquitted. https://t.co/Sz4lIXHOIy
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) June 10, 2019
ट्विटर यूज़र्स ने प्रतीक सिन्हा को यह भी याद दिलाया कि कैसे उन्होंने ट्रायल से पहले ही निर्णय सुना दिया था।
Remember how Madras chaapp Fake news peddler @zoo_bear declared Vishal Jagnotra a culprit even before the Court trail. pic.twitter.com/1aL3usYx9K
— Wali (@NetajiBond) June 10, 2019
ट्विटर यूज़र्स ने उसे दूसरों पर फैसला सुनाने से पहले ख़ुद का फ़ैक्ट-चेक करने तक के लिए कह दिया।
Vishal has been acquitted. Mr. Fact checker pehle facts check kar. pic.twitter.com/RDQSN0jyfe
— Mitadru Mukherjee (@Dovahkiin2904) June 10, 2019
ऐसा पहली बार नहीं है जब AltNews के सह-संस्थापक को सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारियाँ शेयर करते पाया गया है, जो तथ्यात्मक रूप से ग़लत होती हैं। कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा ईस्टर संडे के दिन श्री लंका में किए गए आतंकी हमले के बाद वो इस्लामवादियों का बचाव करते पाया गया। AltNews ने श्रीलंका के बम विस्फोट के ट्वीट पर अपने स्वयं के सह-संस्थापक का फ़ैक्ट-चेक अभी तक नहीं किया।