दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली दंगों में ताहिर हुसैन के गुंडों द्वारा मारे गए आईबी के अंकित शर्मा के परिवार को 1 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि साथ ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। हालाँकि, अपनी पार्टी के नेता और निगम पार्षद ताहिर हुसैन पर केजरीवाल ने पूरी तरह चुप्पी साधे रखी और कुछ नहीं कहा। दूसरी तरफ़ संसद में भगवंत मान और संजय सिंह सरीखे आप नेता भाजपा को दंगाइयों का सम्मान करने वाला बताते हुए विरोध प्रदर्शन करते नज़र आए।
फेक न्यूज़ फैलाने वाले अशोक स्वेन ने लिखा कि अगर नरेंद्र मोदी में से गाय को हटा दिया जाए तो अरविन्द केजरीवाल निकलेंगे। उनका इशारा इस ओर था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ‘हिन्दुत्ववादी’ हो गए हैं?
Modi minus Cow! https://t.co/6RnxXZEHjE
— Ashok Swain (@ashoswai) March 2, 2020
कर्नाटक कॉन्ग्रेस सोशल मीडिया सेल के अध्यक्ष श्रीवत्स ने लिखा कि उस फैजान का क्या, जिसे दिल्ली पुलिस ने ‘लाठी से पीट-पीट कर मार डाला?’ उन्होंने दावा किया कि बाकी के 40 पीड़ित परिवारों को यूँ ही छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि अंकित शर्मा का परिवार इतना मुआवजा डिजर्व करता है लेकिन बाकियों का क्या? उन्होंने केजरीवाल पर मौतों को बाँटने का आरोप लगाया और कहा कि सभी जिंदगियाँ बराबर हैं।
What about Faizan who died after being shot and then beaten by Delhi Police?
— Srivatsa (@srivatsayb) March 2, 2020
What about the remaining 40 or so victims?
Family of Ankit Sharma deserves as much compensation as the state can give but so do the others.
All lives are equal Kejriwal. Don’t divide the dead also. https://t.co/9HHjSBGZtw
इसी तरह श्रुति चतुर्वेदी नामक महिला ने भी कहा कि फैज़ान की मौत का क्या? कुछ मुस्लिमों ने तो अरविन्द केजरीवाल को संघी तक ठहरा दिया और कहा कि उनकी चड्डी दिख गई है।
संघी अरविंद केजरीवाल का आखिर खाकी चड्डी दिख ही गया
— Lalu Prasad Yadav (Parody) (@ModiLeDubega) March 2, 2020
Well played ??
इसी तरह ‘ऑल्ट न्यूज़’ के संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने केजरीवाल को सलाह दी कि वो ‘दिल्ली पुलिस द्वारा मारे गए’ व्यक्ति के लिए भी 1 करोड़ रुपए का मुआवजा घोषित करें। इसी तरह इस्लामी कट्टरपंथी और उनसे सहानुभूति रखने वाले लोगों ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और दिल्ली सरकार को निशाने पर लिया क्योंकि देश की सेवा करने वाले एक जांबाज जवान की हत्या के बाद उनके परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा की गई है।
वे 20-25,000 के बीच थे, हम केवल 200: जख्मी ACP ने सुनाई उस दिन की आपबीती जब बलिदान हुए थे रतनलाल