Sunday, November 17, 2024
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ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन ने दिया इस्तीफा, यहाँ लिबरल गिरोह हो रहा लहालोट, भारत यात्रा के दौरान योगी के समर्थन में JCB की सवारी को बता रहे वजह

वास्तव में पार्टी के क्रिस पिंचर को उप-मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त करने पर बोरिस जॉनसन इस्तीफा देने के लिए मजबूर हुए हैं। लंदन के एक क्लब में नशे की हालत में दो पुरुष साथियों को टटोलने के आरोपों के बाद उप-मुख्य सचेतक को पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद पिंचर के खिलाफ कई यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आए।

जैसे ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Prime Minister Boris Johnson) ने पार्टी के दबाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया, भारत में इस्लामवादियों और कॉन्ग्रेस समर्थकों ने इसके लिए भारत दौरे पर उनकी JCB की सवारी को दोष देना शुरू कर दिया। जेसीबी एक लोकप्रिय कंपनी है जो मिट्टी खोदने वाले उपकरणों के निर्माण के लिए जानी जाती है और उसका एक उत्पाद बुलडोजर भारतीय राजनीति में बहुत लोकप्रिय हो गया है।

बता दें कि बोरिस जॉनसन की जेसीबी सवारी का वास्तव में उनके पीएम पद छोड़ने से कोई लेना-देना नहीं है। बात सिर्फ इतनी है कि उन्होंने अप्रैल 2022 में वडोदरा में ब्रिटिश कंपनी की एक फैक्ट्री का उद्घाटन करते हुए जेसीबी की सवारी की थी, जब वह भारत दौरे पर थे।

इस्लामवादियों, कॉन्ग्रेस समर्थकों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक विरोधियों ने जॉनसन के कदम को इसे भाजपा शासित राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में अपराधियों के अवैध संरचनाओं के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई के समर्थन के रूप में देखा।

वास्तव में पार्टी के क्रिस पिंचर को उप-मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त करने पर बोरिस जॉनसन इस्तीफा देने के लिए मजबूर हुए हैं। लंदन के एक क्लब में नशे की हालत में दो पुरुष साथियों को टटोलने के आरोपों के बाद उप-मुख्य सचेतक को पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद पिंचर के खिलाफ कई यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आए।

फरवरी में इन आरोपों के बारे में जानने के बावजूद बोरिस जॉनसन ने उन्हें उप-मुख्य सचेतक नियुक्त किया। पार्टी सांसदों ने कहा कि वे अब उस नेता का समर्थन नहीं कर सकते, जो पिंचर को नियुक्त करते समय खुले तौर पर झूठ बोला।

इसके अलावा, बोरिस जॉनसन पहले से ही कोविड लॉकडाउन के दौरान अपनी पार्टियों के कारण दबाव में थे। हालाँकि, भारत में इस्लामवादियों और कॉन्ग्रेस से सहानुभूति रखने वालों ने उनकी सरकार गिरने के लिए ब्रिटिश कंपनी जेसीबी पर उनकी सवारी को दोष देने में देर नहीं लगाई और ट्विटर पर हंगामा करना शुरू कर दिया।

राहुल गाँधी की एक प्रशंसक और राजनीतिक टिप्पणीकार संजुक्ता बसु ने ट्वीट किया, “जब आप भारत के बुलडोजर बाबाओं के साथ अपनी बुलडोजर एकजुटता दिखाने के लिए भारत आते हैं तो क्या होता है, यह दिखाने के लिए ब्रिटेन का धन्यवाद। आपको गिरा दिया जाता है।”

वित्तीय धोखाधड़ी की आरोपित और कथित पत्रकार राना अय्यूब भी अपने उल्लास को नियंत्रित नहीं कर सकीं और उन्होंने ट्वीट किया, “बोरिस जॉनसन ने भारत आने पर जेसीबी का समर्थन किया था।”

एक और स्व-घोषित उदारवादी धर्मनिरपेक्ष और कॉन्ग्रेस से सहानुभूति रखने वाले ने अपने ट्विटर हैंडल @rkhuria2 से पोस्ट किया, “योगी की जेसीबी को बढ़ावा देने के मूर्खतापूर्ण निर्णय से उनकी नौकरी चली गई।”

एक अन्य ट्विटर यूजर अभिक सेन ने ट्वीट किया, “हम अपने लड़के को बकवास नहीं कह सकते, लेकिन भाड़ में जाओ हम कह सकते हैं। भाड़ में जाओ बोरिस! भाड़ में जाओ तुम और तुम्हारे जेसीबी उत्सव! फक यू!”

ट्विटर यूजर सैयद हसन काज़िम ने पोस्ट किया, “हर निरंकुश और तानाशाह का अहंकार एक न एक दिन ध्वस्त हो जाता है। नरक में जाओ बोरिस जॉनसन। आप जैसे या उससे भी बुरे लोग निश्चित रूप से आपका अनुसरण करेंगे, उनका अहंकार भी जेसीबी के पहियों के नीचे आ जाएगा। बस याद रखना कि कुछ दिन पहले आप किससे मिले थे।”

एक अन्य NDTV उत्साही ट्विटर यूजर @IdlyVadaa ने पोस्ट किया, “कोई भी प्राकृतिक न्याय से बच नहीं सकता है। बोरिस जॉनसन।” इस ट्वीट के साथ प्रोपेगेंडा चैनल एनडीटीवी का एक लेख, जो बोरिस जॉनसन की जेसीबी सवारी की आलोचना कर रहा था, संलग्न किया गया है।

स्वघोषित ‘आंदोलनजीवी’ सुमन सेन ने ट्वीट किया, “इंग्लैंड में जेसीबी और बुलडोजर ने काम नहीं किया। ये हमारे देश में भी काम नहीं करेंगे। बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दिया। मोदी भी देेंगे।”

एक अन्य ट्विटर यूजर रंजन प्रताप सिंह ने पोस्ट किया, “जब बोरिस जॉनसन भारत आए थे तो उन्होंने जेसीबी की फैक्ट्री का उद्घाटन किया था, लेकिन वह भूल गए थे कि एक दिन वह खुद भी ‘कर्म’ का शिकार हो सकते हैं और अब वही हुआ।”

बोरिस जॉनसन के अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए आज गुरुवार (7 जुलाई 2022) को की। जॉनसन के इस्तीफे से खुश लोगों के लिए दुर्भाग्य है कि बोरिस की जगह लेने के वाले जिन दो नामों की चर्चा सबसे अधिक है, उनमें ऋषि सुनक और प्रीति पटेल हैं। दोनों ही भारत विरोधी या मोदी विरोधी प्रोपेगेंडा के समर्थक नहीं दिखते। इसलिए जो लोग ब्रिटेन की राजनीतिक घटनाक्रम में नरेंद्र मोदी की हार खोज रहे हैं, वे नए पीएम की नियुक्ति के बाद निराश ही होंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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