Tuesday, November 5, 2024
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बलात्कारी नहीं था मेरा भाई: गुरुग्राम में सुसाइड करने वाले 12वीं के छात्र मानव सिंह के भाई ऋषि का इंस्टाग्राम पोस्ट

ऋषि सिंह ने कहा है कि सोशल मीडिया पर बदनामी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। सोशल मीडिया ने उसके भाई को रातोंरात बलात्कारी बना दिया। सोशल मीडिया ने मानव को उस अपराध का दोषी घोषित किया जो उसने किया ही नहीं था।

गुरुग्राम में 12वीं कक्षा के छात्र मानव सिंह ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली थी। सोशल मीडिया पर एक लड़की द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद उसने यह कदम उठाया था। मानव के भाई ऋषि सिंह ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में अपने भाई को निर्दोष बताया है।

मानव का बचाव करते हुए उसने बताया है कि किस तरह के हालात ने उसके भाई को इस तरह का कदम उठाने को मजबूर किया। उसने अपील की है कि उसके भाई को एक ऐसे अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए जो उसने किया ही नहीं। साथ ही कहा है कि इस घटना का ‘बॉयज लॉकर रूम’ मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

“मानव बलात्कारी नहीं था। वह मौत का हकदार नहीं था” कैप्शन के साथ लिखे पोस्ट के साथ उसने #justiceformanav, #stopdefaming, #slander, #falseaccusations वगैरह हैशटैग का इस्तेमाल किया है। ऋषि ने बताया है कि उसके भाई पर लड़की ने रेप और छेड़छाड़ का झूठा आरोप लगाया। यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उसका भाई इस दबाव को नहीं झेल पाया और उसने आत्महत्या कर ली।

ऋषि ने कहा कि जो सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुआ वह दो साल पहले हुई एक कथित घटना के बारे में था, जब मानव 14 या 15 साल का था। उन्होंने दावा किया कि आरोप लगाने वाली लड़की के पास इसके कोई सबूत नहीं थे।

ऋषि ने लिखा कि लड़की की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मानव को धमकी भरे कॉल और मैसेज आने लगे। मानव ने उस लड़की और उसके दोस्तों के सामने खुद को साबित करने की कोशिश की। लेकिन वह लगातार मिल रही धमकियों से नहीं निपट सकता था और यह मानता था कि उसकी बात नहीं सुनी जाएगी।

ऋषि ने यह भी आरोप लगाया कि मानव की आत्महत्या के बारे में सुनने के बाद उस लड़की ने एक और पोस्ट किया जिसमें यह कहा कि अगर “मानव दबाव नहीं सँभाल सकता तो यह उसकी गलती नहीं है।” उस लड़की को ज़रा भी अपनी गलती पर पछतावा नहीं है। उसने जो लिखा उससे न केवल एक छोटे बच्चे की मौत हो गई, बल्कि उसका परिवार तबाह हो गया।

ऋषि सिंह ने कहा है कि सोशल मीडिया पर बदनामी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। सोशल मीडिया ने उसके भाई को रातोंरात बलात्कारी बना दिया। सोशल मीडिया ने मानव को उस अपराध का दोषी घोषित किया जो उसने किया ही नहीं था। वह बलात्कारी नहीं है, उसे इस नाम से ना बुलाए। उसने लिखा है,”एक परिवार के तौर पर हम इस बात का सबूत हैं कि इंस्टाग्राम पर कहानी कैसे किसी की जिंदगी तबाह कर सकती है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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