कोरोना वायरस की महामारी के दौरान देशभर में कुछ ऐसी घटनाएँ भी जारी हैं, जिनसे देश का वामपंथी समाज घर पर बैठे-बैठे आहत हो रहा है। वामपंथियों को सबसे ताजा दर्द दूरदर्शन पर फिरसे प्रसारित हो रहे रामायण धारावाहिक से हो रहा है। इस धारावाहिक ने एक बार फिरसे लोकप्रियता के नए मुकाम हासिल कर लिए हैं और इसी कारण सोशल मीडिया से लेकर व्हाट्सएप ग्रुप्स तक में कुछ लोग इसकी चर्चा से भी घबरा कर लोगों से ‘डिस्टेंस’ बना रहे हैं।
ऐसे ही एक घटना के शिकार अनिल बिस्वाल ने ट्विटर पर अपनी आपबीती बताते हुए लिखा है कि किस तरह से उन्हें व्हाट्सएप समूह से एक वामपंथी ने सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया क्योंकि उन्होंने वहाँ रामायण धारावाहिक की सफलता की चर्चा की।
अनिल बिस्वाल ने लिखा है – “अगर आप यह कहते हैं कि रामायण सबसे ज्यादा देखा जाने वाला धारावाहिक बन गया है तो वामपंथी आपको साम्प्रदायिक कहकर आपको व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल देते हैं।”
If you say that #Ramayana became the most viewed TV programme, then the Communists will remove you from WhatsApp group blaming you as Communal.
— Anil Biswal (@BiswalAnil) April 3, 2020
Bhalachandra Sarangi, a hard core CPIML leader from Odiaha did so to me. Screenshot attached. pic.twitter.com/PrwA4qf90F
अपने ट्वीट में व्हाट्सएप समूह के एडमिन की जानकारी देते हुए उन्होंने लिखा है- “ओडिसा के भालाचंद्रन सारंगी जो कि एक कट्टर CPIM लीडर हैं, ने यह काम किया है। स्क्रीनशॉट संलग्न है।”
उल्लेखनीय है कि रामायण सीरियल पिछले पाँच सालों में यानी 2015 से लेकर अब तक जनरल एंटरटेनमेंट केटेगरी (जीईसी) में बेस्ट सीरियल बन गया है। इस बात की जानकारी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने ट्वीट कर दी है। BARC रेटिंग में रामायण के रिपीट शो ने बाजी मारी है। इसे 4 शोज में ही 170 मिलियन व्यूज यानी 17 करोड़ दर्शक मिले।
सोशल मीडिया पर भी एक वर्ग-विशेष द्वारा निरंतर रामायण धारावाहिक के प्रसारण पर आपत्ति जताते हुए देखा जा सकता है।