गुजरात के कच्छ में मुंद्रा पोर्ट से राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों द्वारा 9,000 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त किए जाने के बाद ट्विटर पर कॉन्ग्रेस समर्थकों और वामपंथी गिरोह की घटिया मानसिकता का एक बार फिर से प्रदर्शन देखने को मिला है।
चूँकि, बंदरगाह का प्रबंधन अडानी ग्रुप द्वारा किया जाता है, इसलिए कॉन्ग्रेस समर्थक और उनसे सहानुभूति रखते हुए उनके पाले में बैटिंग करने वाले वे सभी लोग, जो बहुत लम्बे समय से इस व्यापारिक समूह से खार हुए हैं, वे अपना ‘पप्पू’ लॉजिक लेकर सीधे समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी पर बंदरगाह का प्रबंधन करने के कारण प्रतिबंधित पदार्थ की तस्करी का सीधा आरोप लगाने के लिए ट्विटर पर कूद पड़े।
कॉन्ग्रेस समर्थकों के एक ऐसे समूह, जिनके सामूहिक आईक्यू को राहुल गाँधी के प्रति उनकी भक्ति के व्युत्क्रमानुपाती बताया जाता है, ने ट्वीट कर अपनी ‘प्रतिभा’ का परिचय देते हुए दावा किया कि अडानी के बंदरगाह पर हेरोइन जब्त की गई थी, इसलिए यह अडानी ही होगी जो ड्रग्स की तस्करी कर रही है। अब कृपया ये मत पूछो कैसे?
एक दूसरे ट्विटर यूजर ने सवाल किया कि क्या यही वजह है कि अडानी को देश में हवाई अड्डों और बंदरगाहों का नियंत्रण दिया गया है।
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने अडानी ग्रुप पर अवैध तस्करी और बीजेपी को फंडिंग के जरिए बड़ा मुनाफा कमाने का आरोप लगाया।
वहीं एक और ट्विटर यूजर ने जोर देकर कहा कि अडानी पोर्ट्स ड्रग्स के आयात के लिए जिम्मेदार है क्योंकि जिस बंदरगाह से प्रतिबंधित सामग्री जब्त की गई थी, उसका प्रबंधन अडानी पोर्ट्स द्वारा किया जाता था।
एक ट्विटर यूजर दो हाथ और आगे निकलते हुए बंदरगाह पर ड्रग्स की जब्ती की तुलना बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों से कर डाली, जिनके पास से ड्रग्स बरामद किया गया था। यूजर ने मीडिया पर बॉलीवुड ड्रग एडिक्ट्स पर हमला करने का आरोप लगाया, लेकिन अब मीडिया चुप हैं क्योंकि यह खेप गौतम अडानी के ग्रुप द्वारा संचालित पोर्ट में पकड़ी गई है।
यहाँ तक कि राकांपा के पदाधिकारी भी ट्विटर पर अपना लो-आईक्यू दिखाने में पीछे नहीं रहे। राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम सारंग ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि मीडिया मुंद्रा बंदरगाह पर जब्त ड्रग्स के लिए अडानी को जवाबदेह नहीं ठहरा रहा है।
अगर कॉन्ग्रेस समर्थकों की माने तो उनके परिसरों से किसी भी तरह का प्रतिबंधित पदार्थ जब्त होने पर प्रबंधन अधिकारियों को दोषी ठहराया जाना चाहिए। इस तर्क से, केरल सरकार को उन सभी लोगों के लिए ज़िम्मेदार होना चाहिए जो सोना तस्करी में पकड़े गए हैं या दूसरे अपराधों में। इसी तरह, शायद अरविंद केजरीवाल और उद्धव ठाकरे को दोषी ठहराया जाना चाहिए, अगर अपराधी दिल्ली या मुंबई में अवैध वस्तुओं की तस्करी के लिए पकड़े जाते हैं।
इसके बाद भी कॉन्ग्रेस समर्थक मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग्स की जब्ती के लिए गौतम अडानी और उनके व्यापारिक समूह को बदनाम करने के लिए प्रोपेगेंडा जारी रखते हैं। यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि जिस जहाज में प्रतिबंधित पदार्थ थे वह ईरान से था और ड्रग्स रखने वाले कंटेनर अफगानिस्तान से थे। भारतीय जल सीमा में प्रवेश करते ही जहाज को पकड़ लिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, डीआरआई अधिकारियों को ड्रग्स के बारे में सतर्क कर दिया गया था और अंत में इतने बड़े हेरोइन शिपमेंट को जब्त करने के लिए कई दिनों तक ऑपरेशन चलाया गया था।
बंदरगाह पर लाखों करोड़ रुपए के कार्गो आते-जाते हैं और यह बंदरगाह अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों के सामूहिक प्रयासों के कारण ही संभव है कि नशीली दवाओं और अवैध वस्तुओं को सफलतापूर्वक पकड़ा गया है।