इस्लामिक आतंकी संगठन तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में कब्जे के बाद वहाँ महिलाओं के साथ किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, इसी को लेकर इंडिया टुडे समूह एक शो चला रहा था, लेकिन शो के दौरान इंडिया टुडे ने एक गलती कर दी। इसके बाद से ही उसे ट्विटर पर ट्रोल किया जा रहा है। दरअसल, राजदीप सरदेसाई ने तालिबान के शासन में महिला अधिकारों पर एक शो की मेजबानी करते हुए गलती से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक तस्वीर इस सवाल के तहत दिखा दी कि “क्या तालिबान महिलाओं पर लगाए अपने पहले के प्रतिबंधों को कम करेगा?”
न्यूज चैनल की इस गलती को लोकप्रिय ट्विटर हैंडल ‘बेफिटिंग फैक्ट्स’ द्वारा उजागर किया गया। इसके बाद से नेटिज़न्स को एक कंटेंट मिल गया और वो केजरीवाल और ‘पत्रकार’ राजदीप सरदेसाई दोनों का मज़ाक उड़ाते हुए मज़ेदार प्रतिक्रियाएँ पोस्ट कर रहे हैं।
Rajdeep Sardesai showing Kejriwal as Talibani 😭😭😭 pic.twitter.com/SKtAb6nJdg
— Facts (@BefittingFacts) August 18, 2021
जगजीत नाम के एक ट्विटर हैंडल ने कहा, “तालिबान भी मुफ्त बिजली दे रहा है, इसलिए राजदीप कंफ्यूज हो गया होगा (राजदीप कंफ्यूज हो गए होंगे)।”
Taliban is also giving free electricity, so Rajdeep confuse ho gya hoga 😆
— Jagjeet (@Jagjeetsingh__) August 18, 2021
एक अन्य यूजर ने राजदीप को सच दिखाने के लिए बधाई दी।
Hats off to rajdeep for showing the truth
— Deep💪🤛🇮🇳 (@1_have_adream) August 18, 2021
🤣
आलोक शर्मा नाम के एक नेटिजन ने कहा कि लगता है कि केजरीवाल ने वहाँ भी विज्ञापन देना शुरू कर दिया।
May be Kejriwal started giving ads their also
— Alok Sharma (@Alok13Sharma) August 18, 2021
इस बीच एक अन्य ट्विटर यूजर सत्यम सिंह ने हिटलर और ओसामा बिन लादेन के मानवीय पक्ष को उजागर किया। उन्होंने ट्वीट किया, “हिटलर भी मानवता में विश्वास करते थे, केजरीवाल दिल्ली के कल्याण के लिए लगातार काम कर रहे हैं, ओसामा बिन लादेन परोपकारी थे, राजदीप सरदेसाई पत्रकारिता कर रहे हैं।”
हालाँकि, इससे पहले भी इसी महीने की शुरुआत में राजदीप सरदेसाई को उनकी ‘रसगुल्ला’ वाली टिप्पणी के लिए नेटिज़न्स द्वारा बेरहमी से ट्रोल किया गया था। सरदेसाई से जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कड़े सवाल नहीं पूछने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि अगर उन्होंने ममता बनर्जी से बंगाल में चुनाव के बाद हुए जनसंहार के बारे में पूछा होता, तो उन्हें ममता की जीत के जश्न के तौर पर ‘रसगुल्ला’ (एक पारंपरिक बंगाली मिठाई) खाने को नहीं मिलता।