कश्मीर में हिंदुओं को एक बार फिर निशाना बनाया जा रहा है। इसके कारण घाटी में बसे हिंदुओं में डर का माहौल है। वे यहाँ से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में टारगेट किलिंग ने 90 के दशक की याद दिला दी है। यहाँ हिंदुओं को फिर से चुनचुन कर मौत के घाट उतारा जा रहा है।
अल्पसंख्यक हिन्दू सरकारी कर्मचारियों ने कश्मीर के कुलगाम जिले में गुरुवार (2 जून 2022) को इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या करने के तुरंत बाद शुक्रवार (3 जून) को कश्मीर छोड़ने का फैसला लिया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में दो दिन पहले 31 मई 2022 को स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला (36) की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के समय स्कूल में कई अन्य टीचर भी थे, लेकिन आतंकियों ने पूरे स्कूल में उन्हें अलग से चुन कर मारा। वह सांबा जिले की मूल निवासी थी, लेकिन कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल में तैनात थीं। घटना के बाद घायल रजनी बाला को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
#BREAKING | Kashmiri Pandits begin leaving the valley amid targeted killings; decision taken by Pandit groups to leave for Jammu within 24 hours
— Republic (@republic) June 2, 2022
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4000 से अधिक कश्मीरी पंडित, जो सरकारी कर्मचारी हैं वे घाटी छोड़ना चाहते हैं। सोशल मीडिया पर इसके कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें डरे हुए हिंदुओं को घाटी छोड़ने की तैयारी करते हुए देखा जा सकता है।
#EXCLUSIVE :
— News24 (@news24tvchannel) June 2, 2022
◆कश्मीर घाटी में लगातार हो रहे हमलों से दहशत में हिंदू परिवार, श्रीनगर में हिंदू-पंडित परिवारों ने पलायन करना शुरू किया #KashmiriHindus @asifsuhaf pic.twitter.com/0EAKZp0Jv7
कर्मचारियों के कॉर्डिनेटर अमित रैना ने कहा कि विभिन्न ट्रांजिट कैंपों में रहने वाले और सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने धरना खत्म कर जम्मू के लिए रवाना होने का फैसला किया है। कथित तौर पर कश्मीरी हिंदुओं के एक संगठन कश्मीरी माइनॉरिटी फोरम ने बयान जारी कर घाटी में रह रहे अल्पसंख्यकों को शुक्रवार सुबह तक पलायन करने के लिए कहा है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। रिपब्लिक टीवी के मुताबिक, बैंक कर्मचारी विजय कुमार की हत्या के बाद संगठन ने आपात बैठक बुलाई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीरी माइनॉरिटी फोरम ने आपात बैठक के दौरान तीन बिंदुओं पर जोर दिया। सबसे पहले, उन्होंने कहा, “कश्मीर घाटी में सभी जगहों पर विरोध प्रदर्शनों को बंद कर दिया गया है, क्योंकि यहाँ अल्पसंख्यकों का जीवन खतरे में है।”
इसके अलावा उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यक लोगों के लिए यहाँ कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में हमने निर्णय लिया है कि कल सुबह हिंदुओं को घाटी से हर हालत में पलायन करना होगा।”
गौरतलब है कि 7 दिन पहले 25 मई को कश्मीरी एक्ट्रेस अमरीन भट्ट और 24 मई को पुलिसकर्मी सैफ कादरी की हत्या कर दी गई। मई में टारगेट किलिंग की 8 घटनाएँ सामने आई हैं। रजनी बाला की हत्या से पहले 12 मई को आतंकियों ने बडगाम में दफ्तर में घुसकर एक राजस्व अधिकारी राहुल भट्ट की हत्या कर दी थी। वह भी कश्मीरी पंडित थे।