विवादास्पद गीतकार जावेद अख्तर ने कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब को लेकर छिड़े विवाद पर गुरुवार (10 फरवरी 2022) को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कर्नाटक से हाल ही में सामने आई घटनाओं पर नाराजगी जताई। इसके बाद वह एक बार फिर आलोचनाओं का शिकार हो गए। इस बार इस्लामवादी उन्हें इस्लाम की ‘मूल’ बातें सिखा रहे हैं।
जावेद अख्तर ने लिखा, “मैं कभी भी हिजाब या बुर्का के पक्ष में नहीं रहा। मैं अब भी उस पर कायम हूँ, लेकिन साथ ही मुझे गुंडों की इन भीड़ पर गुस्सा आता है जो लड़कियों के एक छोटे समूह को डराने की कोशिश कर रहे हैं और वह भी असफल रूप से। क्या ये मर्दानगी है। कितने अफ़सोस की बात है।”
I have never been in favour of Hijab or Burqa. I still stand by that but at the same time I have nothing but deep contempt for these mobs of hooligans who are trying to intimidate a small group of girls and that too unsuccessfully. Is this their idea of “MANLINESS” . What a pity
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) February 10, 2022
इस ट्वीट के करते ही जावेद अख्तर मिनटों में इस्लामवादियों के रडार पर आ गए। हर एक इस्लामवादी उन्हें इस्लाम की शिक्षा देते देखा गया। aamadmi29 के एक ट्विटर हैंडल ने कहा, “हिजाब महिलाओं के लिए खुदा का आदेश है और उन्हें इसका पालन करना होगा।”
Excuse me Javed Bhai, Your Opinion Matters where God has Allowed us to show our opinion, but Sorry to say for example God has forbidden drinking of achoal, now i or you have authority to write such word of in favour or not. Hijab is an order by God for women she has to obey .
— 🇵🇰ابن آدم 🇵🇰 (@aamadmi29) February 10, 2022
‘Pakisdani’ नाम के एक अन्य ट्विटर यूजर ने जावेद अख्तर के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “हिजाब और बुर्का को आपकी मँजूरी की जरूरत नहीं है। यह एक च्वाइस है, बस इसे स्वीकार करें। यह एक सार्वभौमिक अधिकार है। भारत में कुछ लोगों को और अधिक परिपक्व और सहनशील बनने की आवश्यकता है। दूसरों को जीने दो और अपनी विचारधारा उन पर मत थोपो!”
Hijab and Burqa don’t need your approval. It’s a choice, just accept it. It’s a universal right.
— Pakisdani (@danstan112) February 10, 2022
India
Some people in India need more maturity and tolerance. Let others live and don’t impose your ideology on them!
आकिब अंसारी ने लिखा, “इस्लाम में बुर्का या हिजाब सबसे महत्वपूर्ण प्रथा है।”
Oh! Dear sir, u doesn’t know d what is burqa or hijab and islamic belief,so yours sympathy is not enough,
— Aquib Ansari (@AquibAn70568314) February 10, 2022
Burqa or hijab most vital practice in Islam.. https://t.co/g9MVwoZKoF
एक अन्य इस्लामवादी ट्विटर हैंडल @Zraar640 ने लिखा, “अल्लाह आप पर रहम करे। मुस्लिम हो कर हज़रत मुहम्मद के फ़रमान से इनकार कर रहे हो।”
Allah aap pr raham kre Muslims ho kr hazrat Muhammad P. B. U. H ke frmaan ka inkaar kr rahe ho
— Zraar640 (@Zraar6) February 10, 2022
नईम खान ने पोस्ट करते हुए लिखा, “कुछ लोग होते हैं जो अपने हिसाब से इस्लाम को फॉलो करते हैं। उन्हें कुुरान और हदीस से सिर्फ वो बातें चाहिए होती है तो उनके मतलब की हो। लेकिन इमान वाला वही है जो पूरे इस्लाम को माने। अगर एक भी बात कुरान और हदीस की नहीं मानोगे तो तुम मुसलमान नहीं हो।”
Kuch log hote hai jo apne Hisaab se Islam ko follow karte hai unhe Quran aur Hadis se sirf wo batein chahiye hoti jo unke matlab ki ho . But Iman wala wahi hai jo poore Islam ko mane agar ek bhi bat Quran aur hadis ki nahi manoge to tum Musalman nahi.
— Naeem Khan (@naimpathans) February 10, 2022
आयशा सिकंदर ने जावेद अख्तर को जवाब देते हुए कहा, “आप एक प्रसिद्ध लेखक हैं, कवि हैं और न जाने क्या-क्या… लेकिन आप कुरान में जो लिखा है, उसे पढ़ने और समझने में विफल रहे हैं। विडंबना… कभी-कभी इतना ज्ञान प्राप्त करने के बाद आपको कुछ भी नहीं मिलता है।”
U r a renowned author writer poet and what not …but u fail to read and understand what is written in Quran …irony ….sometimes after acquiring so much knowledge u gain nothing ….wisdom is bestowed not everyone is lucky ….
— Aisha (@aishasikander) February 10, 2022
एम इदरीस खत्री ने कहा, “जिसे हराम और हलाल का पता नहीं वो क्या जाने इस्लाम में पर्दे की अहमियत को।”
जिसे हर।म हलाल का पता नही वो किया जाने ,,इस्लाम मे पर्दे की एहमियत को,,,,
— M Idris Khatri (@midriskhatri313) February 10, 2022
जावेद अख्तर की ट्विटर टाइमलाइन पर इस्लामवादियों के ऐसे ट्वीट्स की बाढ़ आ गई है, जिनमें हिजाब का समर्थन नहीं करने के लिए उनकी आलोचना की गई है और इस्लाम के बारे में ‘उनके ज्ञान की कमी’ को लेकर शिक्षा दी गई है।