Saturday, November 16, 2024
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आप किसके वंशज हैं? मनोज मुंतशिर के मुगल बर्बरता के खुलासे वाले वीडियो को You-Tube ने ‘कॉपीराइट’ के नाम पर हटाया

“कुछ लोगों को चुभने वाली आवाज को नुकसान पहुँचाना कोई नई प्रथा नहीं है। इसकी पहुँच को कम करने के लिए 'आप किस वंशज हैं' के खिलाफ एक निराधार कॉपीराइट दावा किया जाता है। हमने दावे को चुनौती दी है। वीडियो जल्द वापस आना चाहिए। समर्थन के लिए आप सभी को धन्यवाद।”

सोशल मीडिया यूट्यूब ने कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर के उस वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म पर से हटा दिया है, जिसमें उन्होंने मुगल बर्बरता का खुलासा किया और बताया कि कैसे हम भारतीयों ने अपनी विरासत के साथ हुई छेड़छाड़ को आसानी से स्वीकार कर लिया। हालाँकि, इस वीडियो को हटाने के पीछे कॉपीराइट का आरोप लगाया गया है। मनोज मुंतशिर ने इस आरोप को आधारहीन बताया है। 

एक यूजर द्वारा इस वीडियो के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “कुछ लोगों को चुभने वाली आवाज को नुकसान पहुँचाना कोई नई प्रथा नहीं है। इसकी पहुँच को कम करने के लिए ‘आप किस वंशज हैं’ के खिलाफ एक निराधार कॉपीराइट दावा किया जाता है। हमने दावे को चुनौती दी है। वीडियो जल्द वापस आना चाहिए। समर्थन के लिए आप सभी को धन्यवाद।”

मनोज मुंतशिर के इस ट्वीट पर अन्य लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएँ दी है।

एक यूजर ने लिखा, “हैरानी और परेशानी होती है ये देख के हिंदू आज भी एकजुट नहीं है। आज भी बहुत से लोग सच बोलना और सुनना पसंद नहीं करते। वो चाहते हैं कि आने वाली नस्ल भी सेक्युलरिज़म की ग़ुलाम रहे और हम “अकबर दी ग्रेट“ के गुण गाते रहें। अफ़सोस कि आज भी नींद में रहना चाहता है हिंदू।”

एक दूसरे यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, “यह वैश्विक हिंदुत्व को खत्म करने का एक हिस्सा है। टोरंटो विश्वविद्यालय दुनिया भर के हिंदुओं को हतोत्साहित करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत कर रहा है। मोदी को पीएम के रूप में कमजोर करने का विचार है। हिंदुओं को एकजुट करने के लिए बीजेपी आने वाले चुनावों में जीतती रहेगी और भारत सुपर पावर बन जाएगा। इसलिए हिंदू आवाजों को दबाया जा रहा है।”

एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, “उन गद्दारों में भगदड़ मच गई है, जिनकी परदादियों पर नारियों के साथ मुगल लुटेरों ने रातें रंगीन की थी।” इस ट्वीट में यूजर ने सबा नकवी और आरफा खानम शेरवानी समेत कई लिबरलों को टैग किया है।

रोहित माने लिखते हैं, “आपको हर जगह ऐसे लोग मिल जाएँगे जो सच बोलने वाले को पसंद नहीं करते। वे आपको झुकाने का रास्ता खोजते हैं। हम जानते हैं कि इन लोगों ने आपके वीडियो पर शिकायत की है। लेकिन, वे नहीं जानते कि वे तुम्हें झुका नहीं सकते। लव यू।”

गौरतलब है कि कवि द्वारा शेयर किए गए वीडियो की एक क्लिप में वह यह पूछते हुए दिखाई दे रहे थे कि हम भारतीय अपनी विरासत की विकृति को कैसे स्वीकार कर सकते हैं। उन्होंने पूछा कि हजारों भारतीयों को मारने वाले आक्रमणकारियों और लुटेरों को नायक के रूप में कैसे दिखाया जा सकता है। उन्होंने मुगलों की ‘महिमामंडित डकैतों’ (‘glorified dacoits’) के रूप में आलोचना की। उन्होंने लोगों से अपनी विरासत को पहचानने और बर्बर एवं लुटेरों को नायकों के रूप में महिमामंडित करने से बचने के लिए कहा। मनोज मुंतशिर ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किए गए वीडियो में उन्होंने धर्म, जाति और अन्य बाधाओं से परे नायकों को चुनने की बात की।

इस वीडियो के पोस्ट होने के बाद कई लिबरल और कट्टरपंथी नाराज हो गए। सबने मुंतशिर को मुगलों की बर्बरता के ख़िलाफ़ बोलने के लिए सुनाया। इसमें एक आरजे सायमा भी थीं। उन्होंने ट्वीट करते हुए मुंतशिर को ‘कट्टर’ कहा और बताया कि कट्टरता का शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं होता। सायमा ने लिखा, “अगर आप साक्षर हैं और कट्टर हैं तो ये बहुत घातक कॉकटेल है।” इसके बाद एक अन्य ट्वीट में सायमा ने बस इतना लिखा, “बात उनसे कीजिए जो सुनने को तैयार हों, न कि उनसे जो सुनाने को आतुर हों।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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