Friday, November 15, 2024
Homeसोशल ट्रेंड#Saaho: Huffpost India के एडिटर को क्यों दे रहे हैं लोग पहली फुरसत में...

#Saaho: Huffpost India के एडिटर को क्यों दे रहे हैं लोग पहली फुरसत में निकलने की सलाह

अंकुर पाठक ने अपनी बेइज्जती होती देखकर डैमेज कण्ट्रोल के लिए स्वीकार किया कि उससे गलती हुई है और यह वाकई में बहुत उथला ट्वीट था। और उन्होंने नील नितिन मुकेश से इसके लिए माफ़ी माँगी।

साउथ इंडियन एक्टर प्रभास की फिल्म साहो की रिलीज के बाद इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। इन्हीं प्रतिक्रिया देने वालों में से एक हैं Huffpost India वेबसाइट के एंटरटेनमेंट एडिटर अंकुर पाठक।

साहो फिल्म में नील नितिन मुकेश ने भी काम किया है। उन्हीं को लेकर साहो फिल्म पर अपनी राय देते हुए अंकुर पाठक ने लिखा- “ये 2019 है, और फिल्म प्रोड्यूसर्स अभी भी नील नितिन मुकेश को फिल्मों में एक्टिंग करने के लिए पेमेंट दे रहे हैं? मुझे जवाब चाहिए।”

अंकुर पाठक के इस ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं, जिनमें से एक हैं वजीर फिल्म के डायरेक्टर बिजॉय नाम्बियार। उन्होंने अंकुर को जवाब देते हुए लिखा- “तुम उस पर (नील नितिन मुकेश) उसके फिल्मों के चयन के लिए सवाल कर सकते हो, उसकी परफॉर्मेंस पर सवाल कर सकते हो, लेकिन जब तुम इस तरह से सिर्फ खुद को चतुर साबित करने के लिए ट्वीट करते हो तब सिर्फ यही साबित होता है कि तुम कितने ‘हल्के’ आदमी हो।”

इसके बाद अंकुर पाठक ने अपनी बेइज्जती होती देखकर डैमेज कण्ट्रोल के लिए स्वीकार किया कि उससे गलती हुई है और यह वाकई में बहुत उथला ट्वीट था। और उन्होंने नील नितिन मुकेश से इसके लिए माफ़ी माँगी।

इस पर कुछ लोगों ने अंकुर पाठक को इस ट्वीट के लिए फटकार लगाते हुए उससे कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए आजकल के जर्नलिस्म की ये दशा देखना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके जवाब में नील नितिन मुकेश ने भी कटाक्ष करते हुए जवाब दिया है- “मुझे आश्चर्य है, तुम्हारे जैसे लालन-पालन वाले लोग ये सब भी जानते हैं।”

अंकुर पाठक के ट्वीट के जवाब में कई ट्विटर यूजर ने अपनी प्रतिक्रियाएँ दी और अपने अपने अंदाज में उन्हें खरी-खोटी सुनाई। हालाँकि, कुछ लोगों ने MEME के जरिए अंकुर के लिए अपशब्दों का भी प्रयोग किया। लेकिन सोशल मीडिया पर ‘MEME कल्चर’ में क्रिया-प्रतिक्रिया का यह चलन आम होता जा रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘भंगी’, ‘नीच’, ‘भिखारी’ जातिसूचक नहीं, राजस्थान हाई कोर्ट ने SC/ST ऐक्ट हटाया: कहा- लोक सेवकों की जाति के बारे में अनजान थे आरोपित, कोई...

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि 'भंगी', 'नीच', 'भिखारी', 'मंगनी' आदि किसी जाति के नाम नहीं है।

UPPSC अब कैसे लेगा RO-ARO और PCS की परीक्षा, पुराने पैटर्न को मंजूरी देने के बाद कैसे होगा एग्जाम, क्या होगी नई तारीख: जानें...

आयोग के प्री परीक्षा को एक दिन में करवाने पर सहमत होने और RO/ARO को लेकर विचार करने के बाद भी अभ्यर्थी प्रयागराज से नहीं हिल रहे हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -