पाकिस्तान में लगातार बढ़ती हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण की घटनाओं से चिंतित पाकिस्तान के ही एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पाकिस्तान की हिंदू लड़कियों को बचाने के लिए एक अभियान चलाने की घोषणा की है। घोषणा के मुताबिक 6 जून को सोशल मीडिया पर इस अभियान को चलाया जाएगा।
पाकिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ता धनजी कोलही ने बुधवार (03 जून, 2020) को ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, सिंधी हिंदू लड़कियों के लिए शनिवार 6 जून को सिंधी ट्विटर पर टैंड शुरू करने जा रहे हैं। यह अभियान पीड़ित लड़कियों और उनकी माताओं के लिए समर्पित होगा। इसलिए इस अभियान में अधिक से अधिक लोग हिस्सा लें।
साथ ही अपनी योजना के तहत कोलही ने लिखा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए वह अभी से इस प्रकार की घटनाओं से जुड़े वीडियो, कार्टून, GIF और फोटो तैयार करना शुरू करे दें। ताकि ट्रैंड वाले दिन इन्हें शेयर किया जा सके।
Sindhis are going to trend on twitter for Sindhi Hindu girls, for victims mothers on #6th_June on Saturday. So please participate more & more. Start preparing for videos, cartoons, GIFs, Images so on.
— Dhanjee Kolhi (@DhanjeeKolhi) June 3, 2020
We request to all humanitarian, to join 👇 6th#SindhRejectsForcedConversions pic.twitter.com/H6zWIG2fMd
सामाजिक कार्यकर्ता धनजी कोलही अपने ट्वीट के आखिर में लिखा कि हम सभी से मानवीय अपील करते है कि 6 जून को #SindhRejectsForcedConversions ट्रैंड अभियान में शामिल होकर पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद करें। कोलही ने ट्वीट के साथ उन पीड़ित लड़कियों का एक कोलॉज बनाकर तस्वीर भी शेयर की है, जो कि पछले दिनों में पाकिस्तान के अंदर हिंदू लड़कियाँ जबरन धर्मांतरण का शिकार हुई हैं।
दरअसल, पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण की घटनाएँ सामने आ रही हैं। इस प्रकार की घटनाएँ पिछले कुछ समय में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से सबसे अधिक घटित हुई हैं। यही कारण है कि अब इसके खिलाफ में एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी की जा रही है।
इस आंदोलन को सफल बनाने और इसमें शामिल होने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से ही लोगों से मानवीयता के नाते अपील भी की जा रही है। धनजी कोलही कहते हैं कि यदि इस अभियान के बाद भी शासन-प्रशासन नहीं जागा तो आगे बड़े आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
पाञ्यजन्य की खबर के मुताबिक पाकिस्तान में महिलाओं के अधिकार के लिए संघर्ष करने वाली जोया असगर कहती हैं कि जबरन कन्वर्जन यकीनन अपराध है। इसे समूल खत्म होना चाहिए। इसके उलट पाकिस्तान में हिंदू सहित दूसरे अल्पसंख्यकों की बच्चियों के अपहरण और कन्वर्जन की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। पिछले तीन दिनों के भीतर ही छह से अधिक हिंदू लड़कियों का कन्वर्जन की नियत से अपहरण कर लिया गया।
पिछले चौबीस घंटे में सिंध प्रांत के मीरपुर खास जिले के समारो, मीरवाह गोरचनी में कृष्ण मेघवाड़ की पुत्री आशा मेघवाड़ का पहले अपहरण और फिर कन्वर्जन किया गया। इस मामले में एक कट्टरपंथी अय्यूब जान को आरोपित बनाया गया है।
इससे पहले 2 जून 2020 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के पीरबक्स जरवार गाँव में 13 वर्षीय हिंदू लड़की के साथ 6 हथियारबंद युवकों ने बर्बरता से गैंगरेप किया था। यह घटना सिंध प्रांत के मीरपुरखास में दिलबर खान पुलिस स्टेशन के अंतर्गत की थी।
पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने बताया था कि 6 हथियारबंद लोग 13 वर्षीय हिंदू लड़की के घर में जबरन घुस गए। इसके बाद उन्होंने परिवार के लोगों के साथ मारपीट करके लड़की को अगवा करके ले गए। इसके बाद उन दरिंदों ने रात भर हिंदू लड़की के साथ बेरहमी से बलात्कार किया। इधर लड़की के परिजन उसे ढूँढते रहे, मदद के लिए गुहार लगाते रहे।
इससे पहले भी पिछले महीने 12 मई को कोरोना महामारी के बीच पाकिस्तान में एक हिंदू लड़की का अपहरण करके उसका धर्मांतरण करवाया गया था। लड़की की पहचान कविता कुमारी के रूप में हुई थी और पूरा मामला सिंध प्रांत के घोटकी इलाके के बारझुंडी का बताया गया। इतना ही नहीं जानकारी मिली थी कि इस घटना के पीछे भी मियाँ मिट्ठू का ही हाथ था।
पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन के मुताबिक, कविता का पहले मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा अपहरण किया गया और बाद में उसे मियाँ मिट्ठू के पास ले जाया गया। इसके बाद मियाँ मिट्ठू ने जबरन कविता को इस्लाम धर्म कबूल कराया था।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में 15 फरवरी को 15 साल की महक को अगवा कर जबरन इस्लाम कबूल करवाने के खिलाफ और महक को न्याय दिलाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था। दरअसल वकीलों के साथ सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने प्रेस क्लब के सामने एकट्ठा होकर इंसाफ का माँग की थी।