लोकप्रिय ट्विटर अकाउंट ‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने करीब एक साल पहले सावित्रीबाई फुले को लेकर कुछ ट्वीट किए थे। इस ट्वीट को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में हँगामा मचने के साथ ही ‘ट्रू इंडोलॉजी’ को सजा देने की माँग हो रही है। इस बीच ‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने सावित्रीबाई फुले के कथित अपमान के लिए माफी माँगते हुए कहा है कि उनके ट्वीट का गलत मतलब निकाला गया था।
‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने (जो ट्विटर पर अब @BharadwajSpeaks के नाम से मौजूद है) ट्वीट करते हुए महाराष्ट्र के सभी राजनेताओं से माफी माँगी है। साथ ही कहा है कि वह हमेशा के लिए ट्विटर अकाउंट बंद कर देंगे और राजनीतिक मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी राय भी व्यक्त नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर कॉन्ग्रेस नेता के बयान का जवाब देते हुए भाजपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, “मैं कहता हूँ कि ‘,ट्रू इंडोलॉजी’ को सरेआम फाँसी पर लटका दो। लेकिन सिर्फ यह कहने से कुछ हासिल नहीं होगा। हमें देश के कानूनों का पालन करना होगा।”
फडणवीस के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मचा था। भाजपा समर्थक भी 2 धड़ों में बँटे हुए नजर आ रहे थे।
क्रांतिज्योती सावित्रीबाई फुले यांच्याबाबत आक्षेपार्ह लेखन करणाऱ्या आरोपींवर कारवाई करण्यासाठी ट्विटरकडून माहिती मागण्यात आली आहे. तीन वेळा आतापर्यंत पत्र लिहिण्यात आली आहेत. हे आरोपी शोधून कोणत्याही परिस्थितीत त्यांच्यावर कठोर कारवाई करण्यात येईल.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 27, 2023
विरोधी पक्ष अशा विषयात राजकारण… pic.twitter.com/baXM9BTNYs
दरअसल, वामपंथियों द्वारा फैलाए गए झूठे नरैटिव और अधूरे इतिहास को ‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने काफी हद तक एक्सपोज कर दिया है। इसलिए दक्षिणपंथियों का एक बड़ा वर्ग ‘ट्रू इंडोलॉजी’ को आइकन के रूप में देखता है। ‘ट्रू इंडोलॉजी’ वामपंथियों को जवाब देने के लिए ऐतिहासिक किताबों का उपयोग करता है। इस कारण राष्ट्रवादियों का एक बड़ा वर्ग उसे फॉलो करता है। हालाँकि सभी दक्षिणपंथी उसके फैन हों, ऐसा नहीं था। यही कारण है कि इस मुद्दे पर देवेंद्र फडणवीस के बयान के बाद ‘हिंदुत्व समर्थकों’ का वर्ग 2 धड़ों में बँटा हुआ दिखाई दे रहा है।
इतने बवाल के बाद, अपने बयान में, ‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने कहा है कि साल भर पुराने उसके ट्वीट थ्रेड के कुछ हिस्सों को दो पोर्टल इंडिक टेल्स और हिंदू पोस्ट द्वारा पब्लिश किया गया था। हालाँकि दोनों ने ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ छोड़ दी थीं। ये वो ट्वीट्स थे, जिसमें उन्होंने सावित्रीबाई फुले के योगदान के बारे में बताया था और कहा था कि वह फुले का सम्मान करते हैं। साथ ही उनका इरादा समाज द्वारा सम्मानित सामाजिक हस्तियों का अपमान करना या उन्हें बदनाम करना नहीं है। ऐसे ट्वीट्स को दोनों पोर्टल द्वारा छोड़ दिया गया था।
‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने इस पूरे मामले को पोर्टल्स द्वारा रिपोर्टिंग में गलती और लोगों द्वारा समझने में हुई गलतफहमी बताते हुए कहा है, “मुझे उम्मीद है कि लोग इस बात को समझेंगे कि मैं एक गलतफहमी के लिए पीट-पीटकर हत्या किए जाने के लायक नहीं हूँ।
2/n pic.twitter.com/rM30FJkQmK
— Bharadwaj (@BharadwajSpeaks) July 30, 2023
बयान में ‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने यह भी कहा है कि उसका इरादा यह बताना था कि साल 1850 के अंग्रेज 1930 के अंग्रेजी सैनिकों से भी बदतर थे, क्योंकि वह भारतीय महिलाओं का शोषण कर रहे थे। बयान में आगे कहा गया है कि उन्होंने तो केवल यह सवाल उठाया था कि जब अंग्रेजों के मन में भारतीय महिलाओं के लिए कोई सम्मान नहीं था, तब वह सावित्रीबाई फुले का सम्मान क्यों करेंगे? इसको लेकर उन्होंने कोई दावा नहीं किया था।
ट्रू इंडोलॉजी ने कहा कि उसके ट्वीट का गलत अर्थ निकाला गया ताकि यह कहा जा सके कि सावित्रीबाई फुले अंग्रेजों को लड़कियों की सप्लाई करती थीं। बयान में आगे कहा गया है, “मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि बुरे इरादे केवल अंग्रेजों के दिमाग में थे। सावित्रीबाई फुले खुद इस बात को नहीं जानती थीं और शायद वह ब्रिटिश प्रोपेगैंडा का शिकार हुई हों। हो सकता है कि उन्हें अंग्रेजों की वास्तविकता का पता भी न रहा हो। हाँ, मैंने इस बात का जिक्र जरूर किया है कि सावित्रीबाई फुले ने अंग्रेजी हुकूमत की प्रशंसा की थी। लेकिन फुले की आलोचना में सिर्फ यह कहा था कि वह अंग्रेजों के इरादों को नहीं समझ रही थीं।”
‘ट्रू इंडोलॉजी’ के खिलाफ दर्ज हुई FIR में आरोप लगाया है कि सावित्रीबाई फुले ओबीसी थीं। इसलिए ट्विटर अकाउंट ने ओबीसी समाज का अपमान किया है। इस FIR को लेकर उन्होंने कहा है, “अगर मैंने अनजाने में ओबीसी समुदाय का अपमान किया है, तो मैं उन सभी से बिना शर्त माफी माँगता हूँ। मुझ में ऐतिहासिक हस्तियों का आकलन करने की क्षमता नहीं है। मैं फुले के खिलाफ अपनी टिप्पणी भी वापस लेता हूँ। मैं फुले परिवार से भी माफी माँगता हूँ।”
‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ लगाई गई धारा 505 (2) (समुदायों के बीच दुर्भावना पैदा करना) भी निराधार है, क्योंकि उनके ट्वीट में किसी भी समुदाय का उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा है कि यह एक विडंबना है कि धारा 505 (2) अंग्रेजों ने लोगों को अपने अत्याचारों के बारे में बात करने से रोकने के लिए बनाई थी। लेकिन अब अंग्रेजों के खिलाफ बात करने को लेकर उनके खिलाफ भी इसी धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है।
‘ट्रू इंडोलॉजी’ ने कहा है कि उनकी माँ बुजुर्ग हैं, जो बीमार रहती हैं। सिर काटने और हिंसक ढंग से परेड कराने की धमकियों ने उनकी माँ को पूरी तरह से तोड़ दिया है। यदि अब आगे कुछ होता है तो एक नहीं बल्कि दो जिंदगियाँ खत्म हो जाएँगीं। इसलिए उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा, कॉन्ग्रेस, एनसीपी और महाराष्ट्र के सभी राजनेताओं से व्यक्तिगत अनुरोध किया कि वे उन्हें माफ कर दें।
उल्लेखनीय है कि यह मामला महाराष्ट्र विधानसभा में उठने से लगभग दो महीने पहले जून के पहले सप्ताह में मुंबई में इंडिक टेल्स, हिंदू पोस्ट व ट्रू इंडोलॉजी के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। एनसीपी नेताओं द्वारा कार्रवाई की माँग करने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने जाँच के आदेश देते हुए कार्रवाई करने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि सावित्रीबाई फुले जैसी हस्तियों का अपमान सहन नहीं किया जा सकता।