केंद्र सरकार के कृषि सुधार क़ानूनों का लगातार 25वें दिन भी ‘विरोध’ जारी है। पंजाब-हरियाणा समेत देश के तमाम हिस्सों से आए ‘किसान’ दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। ‘किसान’ संगठनों की माँग स्पष्ट है कि मोदी सरकार कृषि सुधार क़ानूनों को वापस ले।
जहाँ एक तरफ तथाकथित किसान इन क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ तमाम किसान और किसान संगठन इसके समर्थन में भी आगे आए हैं। इस क़ानून के समर्थन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में बना हुआ है, जिसमें किसान कहते हैं कि ज़रूरत पड़ी तो वह इसके समर्थन में 5 साल तक बैठेंगे।
ताऊ को भेज दो farmer प्रोटेस्ट वाली जगह पे…अकेले ही काफी है….😂😂😂 pic.twitter.com/JxvNywOpnU
— आलू बोंडा (@ek_aalu_bonda) December 19, 2020
ट्विटर पर साझा किया गया यह वीडियो फ़िलहाल काफी चर्चा में बना हुआ है, जिसमें एक रिपोर्टर कई किसानों से कृषि सुधार क़ानूनों पर प्रश्न पूछता है। वीडियो की शुरुआत में ही एक किसान कहते हैं, “किसान के हक़ में बने हैं ये बिल। मोदी ने जो तीनों बिल पास किए हैं, वह किसान हित में हैं।” इसके बाद रिपोर्टर ने पूछा कि वह (किसान) अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली और ज़रूरत का सामान भी लेकर आए हैं।
इसका जवाब देते हुए किसान ने कहा, “हम अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली सब लेकर आए हैं।” विरोध कर रहे तथाकथित किसानों के 2 साल तक प्रदर्शन स्थल पर बैठने की बात पर किसान ने कहा, “हम 2 साल तो क्या ज़रूरत पड़ने पर 5 साल तक बैठेंगे मोदी के समर्थन में!” इसके बाद दूसरे किसान ने कहा, “हम सभी समर्थन में ही आए हैं और अगर वह (प्रदर्शन करने वाले किसान) 2 साल बैठते हैं तो हम पूरे 5 साल तक यहीं पर बैठेंगे।”
फिर तीसरे किसान ने कहा, “आज तक जो भी सरकार आई, क्या उसने किसानों को खाद-पानी के लिए 6 हज़ार रुपए दिया? यही इकलौती ऐसी सरकार (मोदी सरकार) है, जो किसानों को 6 हज़ार रुपए दे रही है। यह सरकार दे रही है तो बीच में रोड़ा बन रहे हैं कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी वाले। इनको सोचना चाहिए कि आज तक इन्होंने क्या दिया देश के किसान को, बता दें?”
पहले किसान ने दोबारा 6 हज़ार रुपए वाली बात की पुष्टि करते हुए कहा, “किसानों को 6 हज़ार रुपए हर साल मिल रहा है। 60 साल की उम्र का किसान है, उसके लिए भी 3 हज़ार रुपए पेंशन दी जा रही है, यह सब मोदी सरकार कर रही है तो मोदी को कैसे गलत बता रहे हो। मोदी सबसे बढ़िया है और यह जो तीनों बिल आए हैं, वह किसानों के पक्ष में आए हैं।”
अंत में रिपोर्टर ने पूछा कि क्या राहुल गाँधी प्रधानमंत्री बन सकते हैं? इस पर वहाँ मौजूद एक किसान ने कहा, “राहुल गाँधी कैसे बन जाएँगे प्रधानमंत्री? वह अभी ख़्वाब देख रहे हैं। कम से कम साल 2024 और 2029 के बाद ही राहुल गाँधी प्रधानमंत्री बनने का सोच सकते हैं।”