Monday, December 23, 2024
Homeसोशल ट्रेंडआजतक की पत्रकार को चैनल के विरोध चलते करना पड़ा शर्मिंदगी का सामना: लोगों...

आजतक की पत्रकार को चैनल के विरोध चलते करना पड़ा शर्मिंदगी का सामना: लोगों ने लाइव TV पर लगाए ‘मुर्दाबाद’ के नारे

आजतक की रिपोर्टर मौसमी कंगना रनौत के ध्वस्त किए जा रहे ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रही महिलाओं को कवर कर रही थी, उसी दौरान उन्हें अपने चैनल के खिलाफ चल रहे विरोधों का सामना करना पड़ा। जैसे ही पत्रकार बीएमसी के खिलाफ महिला प्रदर्शनकारियों से सवाल पूछने गई, महिलाएँ उनके चेहरे पर ही "आज तक मुर्दाबाद" के नारे लगाने शुरू कर दिए।

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के ऑफिस को महाराष्ट्र सरकार के इशारे पर BMC द्वारा ध्वस्त कर दिया। इसी दौरान आजतक की पत्रकार मौसमी सिंह को चैनल की करतूतों के चलते काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।

मौसमी को सबसे पहले अपने चैनल के खिलाफ विरोध करने वाली नाराज महिलाओं का सामना करना पड़ा, फिर कंगना के ऑफिस को बीएमसी के आदेशों पर ढहाने आए जेसीबी के ऑपरेटर ने भी उनकी जबरदस्त बेइज्जती की जिसका सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने मिम्स बना कर जम कर मजे लिए।

आजतक की रिपोर्टर मौसमी कंगना रनौत के ध्वस्त किए जा रहे ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रही महिलाओं को कवर कर रही थी, उसी दौरान उन्हें अपने चैनल के खिलाफ चल रहे विरोधों का सामना करना पड़ा। रिपोर्टिंग करते वक्त मौसमी ने जैसी ही बीएमसी के खिलाफ महिला प्रदर्शनकारियों से सवाल पूछने गई, महिलाएँ उनके चेहरे पर ही “आज तक मुर्दाबाद” के नारे लगाने शुरू कर दिए।

बता दें, आजतक की कवरेज के दौरान पत्रकार द्वारा सामना की गई यह एकमात्र शर्मिंदगी नहीं थी। कंगना के ऑफिस को ध्वस्त करने आए जेसीबी मशीन के संचालक ने भी उनके एक सीधे से प्रश्न का ऐसा उत्तर दिया, जिसके बारे में उन्होंने सोचा भी नहीं होगा। कहाँ वो जेसीबी पर चढ़ कर अनोखी पत्रकारिता का प्रदर्शन करने वालीं थी और कहाँ अब लोग उनके मिम्स बना कर सोशल मीडिया पर फैला रहे है।

गौरतलब है कि जैसे ही मौसमी सिंह ने ड्राइवर से बातचीत करने के लिए जेसीबी पर चढ़कर ऑपरेटर का नाम पूछा, तो ड्राइवर ने सीधे उनसे पूछा कि उन्हें उसका नाम जानने में दिलचस्पी क्यों है। उन्होंने पूछा, “ड्राइवर साब आपका क्या नाम है।” जिस पर ड्राइवर ने जवाब दिया, “क्या करोगे मेरा नाम जान के।”

उल्लेखनीय है कि यह पहली बार नहीं है जब मौसमी सिंह को रिपोर्टिंग करते समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। पिछले साल, प्रियंका गाँधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रभारी के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद मौसमी सिंह को कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को वाड्रा के लिए उत्साहित दिखने के निर्देश देते हुए भी सुना गया था।

इससे पहले उन्होंने श्रीनगर हवाई अड्डे से रिपोर्टिंग के दौरान कैमरे पर विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश की थी, जहाँ वीडियो शूट करना मना था। मौसमी सिंह ने सुरक्षाकर्मियों पर आरोप लगाया था कि जब उन्होंने उसे वीडियो रिकॉर्ड करने से रोकने की कोशिश की तो उसके साथ छेड़खानी की गई थी। वहीं 2019 के आम चुनावों से पहले प्रियंका गाँधी वाड्रा को यूपी की कमान सौंपे जाने के बारे में उनकी अपनी उत्तेजना तब सामने आई जब उन्होंने वाड्रा की हवाई जहाज की यात्रा को “सामान्य इंडिगो फ्लाइट” पर कवर किया।

वैसे आज का दिन टीवी मीडिया के लिए विशेष रूप से बुरा दिन था, क्योंकि एक अन्य घटना में, वे एक गलत व्यक्ति से पूछते हुए देखे गए थे कि उन्होंने कंगना रनौत के कार्यालय को क्यों ध्वस्त किया था। सोशल मीडिया पर इस घटना पर लोग जमकर मीडिया की खिंचाई कर रहे है।

वायरल हुए एक वीडियो में आप देख सकते है कि एक व्यक्ति कई टीवी पत्रकारों से घिरा हुआ है, जो ध्वस्त के पीछे का कारण पूछ रहे है। लेकिन इन सवालों पर आदमी जवाब देता है, “मैंने इसे ध्वस्त नहीं किया है, मैं एक पोस्टमैन हूँ।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अल्लू अर्जुन के घर पर हमला करने वालों को मिली जमानत, कॉन्ग्रेसी CM रेवंत रेड्डी के साथ तस्वीरें वायरल: तोड़फोड़ के बाद ‘पुष्पा 2’...

बीआरएस नेता ने दावा किया है कि आरोपितों में से एक तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का आदमी था। वहीं कॉन्ग्रेस नेता ने इन आरोपों पर कोई बयान नहीं दिया है।

इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली को रोका, मुगल हो या अंग्रेज सबसे लड़े: जूनागढ़ के निजाम ने जहर देकर हिंदू संन्यासियों को मारा, जो...

जूना अखाड़े के संन्यासियों ने इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली और जूनागढ़ के निजाम को धूल चटाया और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।
- विज्ञापन -