Friday, June 13, 2025

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अक्साई चीन

नोएडा में 20,000 MSME कम्पनियों का सामूहिक फैसला: नहीं करेंगे चीनी उत्पादों का इस्तेमाल, देश में विरोध तेज

नोएडा में करीब 20 हजार MSME क्षेत्र की कंपनियाँ मौजूद हैं, जिन्होंने निर्माण प्रक्रिया में चीनी उत्पादों और उपकरणों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

भारतीय सेना पर जिस कँटीले तारों वाले हथियार से हमला हुआ, जिसने कर्नल संतोष की जान ली…

एक हथियार की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसे लेकर दावा किया जा रहा था कि इन्हीं हथियारों से चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला किया। लेकिन आर्मी ने यह स्पष्ट किया कि........

सितंबर 1957 से अक्टूबर 1962 तक PM नेहरू की विदेश नीति… और चीन के कब्जे में चला गया 37544 वर्ग km

...आखिरकार सितंबर 1962 में PM नेहरू को जानकारी मिली कि लद्दाख की गलवान नदी तक के इलाके में चीनी सेना कब्जा जमा चुकी है। लेकिन...

‘ताइवान न्यूज़’ पर ‘ड्रैगन’ को मारते हुए भगवान राम का पोस्टर बना है चर्चा का विषय

भारत-चीन के सैनिकों के लद्दाख सीमा क्षेत्र में टकराव के बाद 'ताइवान न्यूज' की वेबसाईट पर एक पोस्टर नजर आया है, जो कि सोशल मीडिया पर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

विदेश मंत्री का चीन को स्पष्ट संदेश: गलवान घाटी में जो हुआ वो चीन द्वारा पूर्व नियोजित था, जिसने अन्य घटनाओं को अंजाम दिया

भारतीय विदेश मंत्री द्वारा चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा गया कि गलवान घाटी में जो हुआ वह चीन द्वारा पूर्व नियोजित कार्रवाई थी, जो इसके बाद की अन्य घटनाओं के लिए जिम्मेदार था।

भारत शांति चाहता है लेकिन संप्रभुता सर्वोच्च, उकसाने पर मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम: PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।

लद्दाख में चीन की कहानी और वो लोग जो हँसते हुए सवाल पूछ रहे हैं

युद्ध न तो संभव है, न करना चाहिए क्योंकि वहाँ लाशें हर दिन गिरेंगी, आर्थिक नुकसान इतना होगा कि हम पाँच साल पीछे चले जाएँगे। चीनी सेना...

भारत के 20 बलिदान, तो चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबरें, संख्या बढ़ सकती है: मीडिया रिपोर्ट्स

भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख बॉर्डर पर गलवान घाटी के पास हिंसक झड़प में चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की बात मीडिया में सामने आई है, जिसमें चीन के मारे गए, घायल और गंभीर घायल चीनी सैनिक भी शामिल बताए जा रहे हैं।

‘चीन के हाथों 45 सालों बाद जवानों का खून’ वामपंथी मीडिया द्वारा सुनाया जा रहा अक्साई चीन के सच का अधूरा हिस्सा है

भारत ने हाल ही में अक्साई चीन के इस क्षेत्र में सड़क निर्माण किया है। जिसका कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार की ओर से काफी विरोध किया गया। सामरिक दृष्टि से यह क्षेत्र संवेदनशील है।

अफसर समेत कई चीनी सैनिकों की मौत: चीन क्यों छुपा रहा मारे गए सैनिकों की संख्या, क्यों लगा दिया है पूरा मीडिया तंत्र

चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स द्वारा लगातार संदिग्ध और अस्पष्ट बयानों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन अपने सैनिकों की मौत की खबर को...

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