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Wednesday, April 16, 2025

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अक्साई चीन

चीन का अवैध कब्जा किसी कीमत पर नहीं बर्दाश्त… लोकसभा में विदेश राज्यमंत्री ने किया साफ, लद्दाख क्षेत्र में 2 कस्बे बसाने पर भारत...

मंत्रालय ने लोकसभा में बताया कि भारत के लद्दाख क्षेत्र में चीन ने 2 कस्बे बसाए हैं, जिस पर भारत ने राजनयिक माध्यम से कड़ी आपत्ति जाहिर की।

‘मोदी सरकार ही करवाएगी POJK की भारत में वापसी’ : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का दो टूक बयान, संकल्प दिवस पर लोगों को याद...

साल 1994 में संसद ने संकल्प पास किया था कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान को कब्जा छोड़ना होगा।

LAC पर भारत-चीन के बीच बनी सहमति, पेट्रोलिंग फिर से होगी बहाल: ब्रिक्स बैठक से पहले महत्वपूर्ण बदलाव, जानिए विदेश मंत्रालय ने क्या बताया

देपसांग और डेमचोक जैसे संवेदनशील इलाकों में पहले से ही पेट्रोलिंग शुरू हो चुकी है, और जल्द ही दोनों पक्ष अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू करेंगे।

G20 सम्मेलन से पहले चीन ने जारी किया किया मनमाना नक्शा, लद्दाख और अरुणाचल को अपना हिस्सा दिखाया: S जयशंकर बोले – बेतुके दावों...

यह नक्शा ऐसे समय में जारी किया गया जब भारत 9 और 10 सितंबर को आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी में जुटा हुआ है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी जी-20 सम्मेलन में शामिल होने दिल्ली आ रहे हैं।

पेंगोंग त्सो लेक में भारत और चीन के बीच कब क्या कैसे: 5 मई से अब तक 13 बड़ी घटनाओं का लेखा-जोखा

चीन ने पेंगोंग त्सो लेक के आसपास की स्थिति को टकराव का विषय मानना ही बंद कर दिया था। भारत ने चीन को यह स्पष्ट कर दिया है कि वह...

PM मोदी, CDS बिपिन रावत के साथ लद्दाख की जमीनी स्थिति का जायजा लेने अचानक पहुँचे लेह

पीएम मोदी चीन के साथ सीमा तनाव की जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ लेह पहुँचे हैं।

‘आरोप लगाने से पहले 1962 को याद करें’: राहुल गाँधी पर शरद पवार का तीखा हमला, कहा- चीन पर राजनीति ठीक नहीं

शरद पवार ने राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए और आरोप लगाते समय, किसी को यह भी देखना चाहिए कि अतीत में क्या हुआ था।

सैटेलाइट तस्वीरों में नजर आए PLA के शिविर, क्या LAC के इस ओर फिर लौट रहे हैं चीनी सैनिक?

नवीनतम सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी पता चलता है कि एलएसी के दूसरी तरफ पैंगोंग त्सो झील के पास चीनी सेना व्यापक स्तर पर गतिविधियों को अंजाम दे रही है।

जब चीनी मीडिया नेहरू को ‘साम्राज्यवाद का दौड़ता कुत्ता’ कहती थी, तब नेहरू लोकसभा में अक्साई चीन को लेकर झूठ बोल रहे थे

'चाऊ-माओ' के बीच अपने लिए वैश्विक छवि तलाश रहे नेहरू ने कभी सीमा पर हो रही सैनिकों की मौत को लेकर जुबान नहीं खोली। उन्हें यह स्वीकार करते दशक बीत गए कि सीमा पर कुछ चिंताजनक हो रहा है।

भूलों का मसीहा नेहरू: अक्साई चीन, कोको द्वीप, काबू वैली… ‘दूरदर्शिता’ के नायाब नमूने

नेहरू ने तो मानो अपने आदर्श पश्चिमी देशों से भी कुछ नहीं सीखा। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जब सोवियत संघ मित्र राष्ट्रों के साथ खड़ा हुआ, तब उसने विचारधारा की परवाह नहीं की थी और वह पूँजीवादियों के साथ नजर आया।

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