यह भी सामने आया कि दुकानें जहाँ सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई थीं तो वहीं इनका किराया मस्जिद कमिटी वसूलती थी। दुकानदार इनसे जुड़े कागज भी नहीं दिखा पाए।
1976 में वक्फ से निजी बनाई गई सम्पत्ति को कर्नाटक का वक्फ बोर्ड दोबारा वक्फ सम्पत्ति में तब्दील करना चाहता है। इसके लिए उसने 2020 में आदेश जारी किया था। अब हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।