अमेरिका से शरण मॉंगने वाली इस्माइल फिलहाल अपनी बहन के घर ब्रुकलीन में रह रहीं हैं। उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि पाकिस्तानी अधिकारियों से बचकर वह अमेरिका आने में कैसे सफल हुईं। केवल इतना बताया है कि वो हवाई जहाज से अमेरिका नहीं पहुँचीं।
स्थानीय पुलिस के अनुसार यह हमला अमेरिका के राष्ट्रपति भवन White House से महज़ 2.1 मील (3.5 किमी) की दूरी पर हुआ है। हल्के रंग की निसान सेडान में बैठे संदिग्धों के पास AK असॉल्ट राइफल होने का संदेह पुलिस ने जताया है।
24 सितंबर को गाँधी जी की आगामी 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र में विशेष समारोह होगा। कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने समारोह में शामिल होने के लिए हामी भरी है। इनमें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ऍन्तोनिओ गुतेरेश के अलावा सिंगापुर, कोरिया, न्यूज़ीलैंड आदि के राष्ट्राध्यक्षों के भी शमिल होने की उम्मीद है।
2014 में पीएम बनने के बाद ह्यूस्टन इवेंट भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करने का पीएम मोदी का तीसरा बड़ा कार्यक्रम होगा। मई 2019 में दोबारा चुने जाने के बाद अमेरिका में यह इस तरह की पीएम की पहली रैली है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रशिया टुडे को दिए इंटरव्यू में स्वीकारा है कि 1980 में अफगानिस्तान में जिहाद की आग फ़ैलाने वाले मुजाहिदीनों को पैसा भले CIA से मिला हो, लेकिन उन्हें खाद-पानी देकर सींचने का काम इस्लामाबाद ने ही किया था।
भारतीय राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह एक अराजकतावादी प्रावधान था, जिससे अर्थव्यवस्था का दम घुट रहा था और पाकिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा था।
"वॉशिंगटन पोस्ट की पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग में इस सच को नजरअंदाज किया गया कि अनुच्छेद 370 और 35ए के कारण अल्पसंख्यक, महिलाएँ और समाज के कमजोर वर्ग के लोग लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित रहे जबकि कश्मीर भ्रष्टाचार, अलगावववाद की जमीन बन गई।"
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन में उइगुर मुस्लिमों को सामूहिक रूप से कैद में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उइगरों के साथ बर्ताव कर रहा है, वह दुनिया पर बदतरीन धब्बा है। उन्होंने इस मसले को चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा से इतर बताया और कहा कि....
UAPA क़ानून के तहत मौलाना मसूद अजहर, हाफ़िज़ सईद, दाऊद इब्राहिम, ज़कीउर्रहमान लखवी को आतंकवादी घोषित करने के बाद बाद अमेरिका ने भी भारत के इस रुख़ का समर्थन किया है। अमेरिका का कहना है कि...
पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान जैसे कई ऐसे आतंकी समूह सक्रिय हैं, जो पाकिस्तानी सरकार को उखाड़ फेंक कर खलीफा का राज स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में समाज अतिवादी होता जा रहा है और ऊपर से वह अपने परमाणु हथियारों के जखीरे में लगातार वृद्धि कर रहा है।