Monday, October 7, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयबौखलाए Pak को अमेरिका ने दिया एक और झटका, आर्थिक मदद में की 44...

बौखलाए Pak को अमेरिका ने दिया एक और झटका, आर्थिक मदद में की 44 करोड़ डॉलर की कटौती

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा लिए जाने के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान के लगातार अनुरोधों के बावजूद अमेरिकी, कश्मीर को द्विपक्षीय स्तर पर मामले को सुलझाने के अपने पुराने रुख़ पर अभी क़ायम है।

आर्थिक संकट से गुज़र रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने एक और क़रारा झटका दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में भारी कटौती की है। 2009 के ‘केरी लूगर बर्मन’ एक्ट के तहत पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद की आधिकारिक घोषणा पाक पीएम इमरान ख़ान के अमेरिकी दौरे के तीन सप्ताह पहले ही कर दी गई थी।

दरअसल, अमेरिका ने आज से 9 साल पहले केरी लूगर बर्मन एक्ट के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली प्रस्तावित आर्थिक मदद में पूरे 44 करोड़ डॉलर की कटौती कर दी है। अब पाकिस्तान को जो आर्थिक मदद मिलेगी वो 4.1 अरब डॉलर होगी। पाकिस्तान को दी जाने वाली यह धनराशि ‘पाकिस्तान एन्हांसमेंट पार्टनरशिप एग्रीमेंट (PEPA) 2010’ के तहत मिलती थी। ख़बर के अनुसार, 90 करोड़ डॉलर की बची हुई अमेरिकी मदद पाने के लिए पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह ही PEPA की समय-सीमा बढ़ा दी थी।

अक्टूबर 2009, में अमेरिकी कॉन्ग्रेस ने ‘केरी लूगर बर्मन एक्ट’ पास किया था और इसे लागू करने के लिए सितंबर 2010 में PEPA में हस्ताक्षर किए थे। इस एक्ट के तहत, पाकिस्तान को पाँच साल की अवधि में 7.5 अरब डॉलर की मदद दिए जाने की व्यवस्था की गई थी। इस एग्रीमेंट को पाकिस्तान की आर्थिक संरचना में निवेश करने के मक़सद से लाया गया था और इसके दायरे में देश के ऊर्जा और जल संकट को दूर किया जाना था।

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के अनुसार, PEPA उन चार माध्यमों में से एक है जिसके ज़रिए अमेरीका पाकिस्तान को नागरिक आर्थिक मदद पहुँचाता है। ख़बर है कि वर्ष 2001 के बाद से पाकिस्तान को सभी माध्यमों से अमेरिका ने क़रीब 8.2 अरब डॉलर की आर्थिक मदद का वादा किया है, जिसमें से 6.6 अरब डॉलर की मदद पाकिस्तान को दी जा चुकी है।

अब ये और बात है कि PEPA समझौते के लागू होने के बाद से ही पाकिस्तान और अमेरिका के मध्य संबंध बिगड़ने शुरू हो गए थे। इसका सीधा असर अमेरिका की प्रतिबद्धताओं और आर्थिक मदद पर भी पड़ा। इसके अलावा एक दूसरी वजह यह भी है कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा लिए जाने के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान के लगातार अनुरोधों के बावजूद अमेरिकी, कश्मीर को द्विपक्षीय स्तर पर मामले को सुलझाने के अपने पुराने रुख़ पर अभी क़ायम है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माता-पिता के सामने हिंदू बच्चों के कटवाए अंग, धर्मांतरण से इनकार तो सूली पर लटका जिंदा जलवाया… जिस फ्रांसिस जेवियर को ‘संत’ कहते हैं...

जिस फ्रांसिस जेवियर को 'संत' कह प्रचारित किया जाता है, उसका गोवा की डेमोग्राफी बदलने में बड़ा योगदान है। जानिए कैसे हिंदुओं को धर्मांतरण नहीं करने पर यातना दी गई, कैसे मंदिरों की पहचान मिटाई गई?

RG Kar अस्पताल के 10 डॉक्टर-59 स्टाफ सस्पेंड, रेप-मर्डर के बाद बनी जाँच कमेटी का आदेश: यौन शोषण-धमकी-वसूली के आरोपों पर शुरू हुई कार्रवाई

आरोपितों पर जूनियर स्टाफ को देर रात नशा और शराब खरीदने के लिए मजबूर करने और लड़कों के कॉमन रूम में अश्लील हरकतें करने के लिए मजबूर करने का भी आरोप है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -