वरिष्ठ वकील ने कहा कि चूँकि, आर्किओलॉजी एक नेचुरल साइंस नहीं है, इसके रिपोर्ट्स में यथार्थता नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पुरातत्व विभाग ने अभी तक ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं दिया है, जिसे वेरीफाई किया जा सके। उन्होंने इसे त्रुटिपूर्ण और विरोधाभास भरा करार दिया।
"अगर विवादित स्थल पर इतिहास में कोई मंदिर था तो वह कब गायब हो गया होगा, किसी को नहीं पता। यह ढाँचा 19वीं सदी तक भारत के किसी अन्य सामान्य मस्जिद की तरह ही था, विवाद के बाद यह चर्चित हो गया।"
बीते महीने यूपी सरकार ने रामलला के फंड में इजाफा किया था। यह जान आप हैरत में पड़ जाएॅंगे कि 3,800 रुपए की मामूली बढ़ोतरी 1992 के बाद की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। मुख्य पुजारी के वेतन में हजार और अन्य कर्मचारियों का वेतन 500 रुपए बढ़ाया गया है।
धवन ने कहा कि हिन्दू पक्ष सिर्फ़ यहाँ राम का जन्म होने की बात करते हैं, लेकिन उनकी अर्जी में कहीं भी उस क्षेत्र की बाउंड्री का जिक्र नहीं है। पूरी विवादित जमीन जन्मस्थान नहीं हो सकती। कुछ तो निश्चित स्थान होगा। पूरा क्षेत्र जन्मस्थान नहीं हो सकता।
सुप्रीम कोर्ट में वकील राजीव धवन ने मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस को आगे बढ़ाते हुए दावा किया कि केंद्रीय गुंबद की पूरी कहानी ही 19वीं शताब्दी में गढ़ी गई थी। हिन्दुओं के केंद्रीय गुंबद के नीचे पूजा करने का कोई सबूत नहीं है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन को केवल इस बात का सबूत चाहिए कि अयोध्या के किस खास जगह पर राम का जन्म हुआ था। वरना इकबाल के इमाम-ए-हिंद को वे भी याद करते हैं। कृपानिधान तो वाजिद अली शाह के भी राम ही थे। लेकिन, किसी ने न लिखा, न गाया। राम किस प्लॉट में पैदा हुए थे?
उद्धव ठाकरे ने कहा है कि कोर्ट का निर्णय कुछ भी आए लेकिन जिस तरह से कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला केंद्र सरकार के किया, उसे उसी हिम्मत से राम मंदिर का निर्माण भी शुरू करवाना चाहिए।
कोर्ट में मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि जन्मस्थान के लिए अदालत में याचिका दाखिल नहीं हो सकती। जन्मस्थान कोई कानूनी व्यक्ति नहीं है। उन्होंने प्रार्थना को एक वैदिक अभ्यास बताते हुए कहा कि अगर कल को चीन मानसरोवर में जाने से रोक देता है, तो क्या कोई पूजा के अधिकार का दावा कर सकता है?
इक़बाल अंसारी ने आरोप लगाया कि वर्तिका उन पर सुप्रीम कोर्ट से मामला वापस लेने का आरोप लगा रही थी। इक़बाल अंसारी के अनुसार, वर्तिका ने धमकी दी कि वह अंतरराष्ट्रीय शूटर हैं और बाबरी केस वापस न लेने पर उन्हें गोली मार देंगी।
मुस्लिमों ने कहा कि श्रीराम उनके भी पूर्वज हैं और वे अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में हिस्सा लेना चाहते हैं। हवन में हिस्सा ले रहे मुस्लिमों ने साफ़ कर दिया कि अयोध्या श्रीराम की भूमि है। इस दौरान उन्होंने 'जय श्री राम' के नारे भी लगाए।