Thursday, March 28, 2024
Homeराजनीतिराम मंदिर की पहली ईंट रखने को तैयार रहें शिवसैनिक: उद्धव ठाकरे

राम मंदिर की पहली ईंट रखने को तैयार रहें शिवसैनिक: उद्धव ठाकरे

"राम मंदिर हमारी श्रद्धा और अस्मिता का सवाल है। हम इस सवाल का जवाब नहीं देंगे। इस सवाल को लंबे समय तक सुर्खियों में नहीं रखा जाना चाहिए। यह सवाल 1979 से लंबित है। आपको कब तक इंतजार करना होगा अब राम मंदिर के लिए इंतजार करने का समय नहीं है...."

राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच बयानबाजी भी तेज होती जा रही हैं। हाल ही में सुब्रह्मण्यम स्वामी के बयान के बाद आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया है।

पार्टी बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा है कि कोर्ट का निर्णय कुछ भी आए लेकिन जिस तरह से कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला केंद्र सरकार ने किया, उसे उसी हिम्मत से राम मंदिर का निर्माण भी शुरू करवाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि न्यायालय में रोज सुनवाई जारी है और फैसला कभी भी आ सकता है, इसलिए शिवसैनिक राम मंदिर की पहली ईंट रखने को तैयार रहें।

उद्धव ठाकरे ने कहा- “राम मंदिर हमारी श्रद्धा और अस्मिता का सवाल है। हम इस सवाल का जवाब नहीं देंगे। इस सवाल को लंबे समय तक सुर्खियों में नहीं रखा जाना चाहिए। यह सवाल 1979 से लंबित है। आपको कब तक इंतजार करना होगा अब राम मंदिर के लिए इंतजार करने का समय नहीं है। न्याय के देवता को जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए। यदि निर्णय में देरी होती है, तो केंद्र सरकार को एक विशेष कानून बनाना चाहिए। उद्धव ने यह भी माँग की कि राम मंदिर के लिए साहसिक कदम उठाए जाएँ।

कल ही भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने 80वें जन्मदिन पर राम नगरी प्रवास के दूसरे दिन यानी रविवार सुबह की शुरुआत रामलला के दर्शन से किए और राम मंदिर निर्माण को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि नवंबर के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदुओं का मूलभूत अधिकार समुदाय विशेष की संपत्ति के अधिकार से ऊपर है।

स्वामी ने अपना जन्मदिन अयोध्या में ही मनाया। इस अवसर पर उन्होंने कहा– “सुप्रीम कोर्ट भी कहता है मूलभूत अधिकार सर्वोपरि है। जब मूलभूत अधिकार और संपत्ति के अधिकार का प्रश्न होता है। राम मंदिर की अधिकांश जमीन सरकार के पास है। सरकार जमीन किसी को भी दे सकती है। सबकुछ प्री फैब्रिकेटेड है, केवल भव्यता देनी है। नवंबर बाद देश खुशियाँ मनाएगा।”

वहीं दूसरी ओर अयोध्या जमीन विवाद मामले में एक बार फिर नया मोड़ आता दिख रहा है। दरअसल, इस पूरे मामले में एक फिर से मध्यस्थता की माँग की गई है। यह माँग सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने की है। बोर्ड ने इसे लेकर मध्यस्थता पैनल के तीन जजों को चिट्ठी भी लिखी है। इस माँग को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘न्यायपालिका पर दबाव बना रहा एक खास गुट, सोशल मीडिया पर करता है बदनाम’: हरीश साल्वे समेत सुप्रीम कोर्ट के 600+ वकीलों की CJI...

देशभर के 600 से ज्यादा वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है। वकीलों का कहना है कि न्यायपालिका पर उठते सवाल और अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों को देखते हुए वो चिंतित हैं।

महुआ कांड में आया नाम, मोइत्रा के लिए गए कोर्ट… अब पुरी से पिनाकी मिश्रा को BJD ने किया बेटिकट: 4 बार के थे...

पिनाकी मिश्रा का टिकट पुरी से काट दिया गया है, BJD ने उनकी जगह अरूप पटनायक को उतारा है। महुआ मोइत्रा से उनकी नजदीकी इसका कारण हो सकता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe