"....क्योंकि आपने तो जानबूझकर विकृत तथ्यों और झूठी बातों का प्रचार किया है। परन्तु जो सच है, वह तो लिपिबद्ध हो जाए… आपके शासन में एक बन्दी के रूप में मैं भी सन्तोषपूर्वक मरूँगा।"
नाम था, स्नेहलता रेड्डी। कन्नड़ अभिनेत्री। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता। लेकिन उसे घोर यातनाएँ दी गई क्योंकि उसने इंदिरा के सामने घुटने टेकने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 94 साल की वीरा सरीन की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। सरीन ने 1975 में घोषित आपातकाल को 'पूरी तरह असंवैधानिक' घोषित करने की गुहार शीर्ष अदालत से लगाई है।
आजाद भारत के इतिहास में आपातकाल का काला दौर आज भी लोगों की स्मृतियों से धुँधला नहीं हुआ है। यही वजह है कि 94 साल की विधवा वीरा सरीन 45 साल बाद इंसाफ माँगने सुप्रीम कोर्ट पहुँची हैं।