सत्यपाल मलिक ने कहा कि आने वाले 2-3 महीने में 50 हजार नौकरियाँ देंगे। इसके साथ ही हालात सामान्य होने के चलते संचार व्यवस्था के लिए कुपवाड़ा और हंदवाड़ा जिलों में मोबाइल फोन सेवा बहाल की जा रही है।
"पहले हम भारत को धमकी देते थे कि हम उससे कश्मीर छीन लेंगे, लेकिन इस नाकाम सरकार के चलते अब हालात ये हो गए हैं कि हमें मुजफ्फराबाद बचाने के लाले पड़ गए हैं।"
“आप काहे के पत्रकार हैं? पीएम मोदी ने इतना बड़ा काम कर दिया, आप लोगों पर असर नहीं है क्या? आप हिन्दुस्तानी हैं? क्या आप एक भारतीय हैं? भारतीय होने पर गर्व है? पत्रकारिता की बात मत करो। राष्ट्र की बात करो। अगर आपको नरेंद्र मोदी का काम नज़र नहीं आता तो आप हिन्दुस्तानी हैं ही नहीं।”
"अनुच्छेद 370 में इन संशोधनों की आवश्यकता थी, क्योंकि इसके कारण लगभग सभी कश्मीरी अल्पसंख्यकों (जैसे शिया, दलित, गुर्जर, कश्मीरी पंडित, कश्मीरी सिखों) के साथ हद से ज्यादा भेदभाव हो रहा था। लेकिन अब उन्हें कानून के समक्ष बराबरी का अवसर मिलेगा।"
श्रीनगर के एक पूर्व आतंकी का कहना है कि अगर यह 1947 में हो गया होता तो आज शायद वो संसद या एसेंबली में होते। उन्होंने कहा कि ब्लैकमेल और मजहब की सियासत के कारण ही उनके जैसे कई युवाओं ने राह भटक कर बंदूक उठा ली और कुछ अब भी उठा रहे हैं।
खलीज टाइम्स को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के अलग-थलग पड़े रहने की स्थिति को खत्म करने के लिए अनुच्छेद 370 को निरस्त किया। उन्होंने कहा, "अलग-थलग पड़े रहने से कुछ युवा कट्टरपंथी बन गए और हिंसा तथा आतंकवाद के रास्ते पर चल पड़े।"
कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की याचिका में हस्तक्षेप की मॉंग। 16 अगस्त को CJI की अगुवाई वाली पीठ ने भसीन की याचिका पर सुनवाई को दो हफ्ते के लिए टाल दिया था और कहा था कि सरकार को सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए और समय दिया जाना चाहिए।
"जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने की ऐतिहासिक भूल से देश को राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी। आज, जबकि इतिहास को नए सिरे से लिखा जा रहा है, उसने ये फैसला सुनाया है कि कश्मीर के बारे में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की दृष्टि सही थी और पंडित नेहरू जी के सपनों का समाधान विफल साबित हुआ है।"
लोगों को लाल चौक और सोनावर जाने से रोकने के लिए शहर में कई जगह अवरोधक और कंटीले तार लगाए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र का कार्यालय इसी इलाके में है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।