सेना ने आजादी मार्च को समाप्त करने से ऐसे वक्त में इनकार किया है जब इमरान के तख्तापलट को लेकर अटकलें लगाई जा रही। बताया जा रहा कि सेना अब बिलावल भुट्टो जरदारी को देश का प्रधानमंत्री बनाने की योजना पर काम कर रही है।
पाकिस्तान ने जो वीडियो जारी किया है उससे उसकी मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। वीडियो में जहॉं एक तरफ पाकिस्तान में मौजूद सभी गुरुद्वारों की झलक हैं, वहीं खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भी नजर आ रहा है।
मौलाना ने पाकिस्तान सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देखो मोदी कामयाब भी हो गया और कश्मीर का मसला हल भी हो गया। उन्होंने कहा कि इमरान ख़ान कश्मीर की जंग नहीं लड़ रहे हैं बल्कि वो कश्मीर को बेच कर कमाने की फ़िराक़ में हैं।
आजादी मार्च की भयावहता देखते हुए ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रशासन से 5,000 अतिरिक्त पुलिस बल की माँग की गई है। वहीं, इस्लामाबाद में तैनाती के लिए 3,000 अतिरक्त पुलिस बल भेज दिए गए हैं। सरकार की पूरी कोशिश ये है कि प्रदर्शन स्थल से मौलाना और उसके अनुयायियों को आगे न बढ़ने दिया जाए, लेकिन.....
इस्लामाबाद के रेड जोन में घुस सकते हैं आजादी मार्च में शामिल प्रदर्शनकारी। भीड़ इतनी कि बलप्रयोग से भी हटाने में हो सकती है मुश्किल। इमरान ने कहा- मौलाना को हर हल में रोका जाए।
"हाँ, यह एक खतरे की घंटी है। फजलुर्रहमान इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए आजादी मार्च का आयोजन कर अपना ताकत दिखाना चाहता है। मौलाना अपनी व्यक्तिगत प्रतिशोध के अलावा पाकिस्तान में आर्थिक संकट की स्थिति को भी भुनाने में लगा हुआ है।"
मौलाना फजलुर रहमान का आजादी मार्च 27 अक्तबूर को शुरू हो शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुॅंचा था। उन्होंने इमरान से दो दिन में इस्तीफा देने या गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है।
मौलाना फजलुर्रहमान ने इमरान पर 2018 के आम चुनाव जीतने के लिए धांधली का आरोप लगाया है और इस्तीफे की माँग कर रहे हैं। रहमान ने इमरान खान पर आर्थिक कुप्रबंधन, अक्षमता और खराब शासन के चलते आम लोगों की जिंदगी को कठिनाईयों से भरा बनाने का भी आरोप लगाया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी ने पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए अपने कोटे से निमंत्रण भेजा है।
बिफरे हुए पाकिस्तानी व्यापारी सड़क पर उतर आए हैं। पाकिस्तान में व्यापार संबंधी सारी गतिविधियाँ ठप पड़ गईं हैं। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि उनकी माँगें माने जाने तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे।