साल 2006 में रामपाल के भक्तों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें 5 महिलाओं और 1 बच्चे की मृत्यु हुई थी और लगभग 200 लोग घायल हुए थे। इसके बाद नवंबर 2014 में उसे गिरफ्तार किया गया था।
"आधुनिक पाकिस्तान की बहुसंख्यक आबादी को ईशनिंदा के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को चुन-चुन कर मारने का लाइसेंस मिल गया है और दुनिया बस चुपचाप देख रही है।"
लीगल राइट ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, ईसाई संगठन ने यूनाइटेड किंगडम में एक शेल कंपनी बनाई थी, जिसने FCRA के माध्यम से 2.6 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की थी।