Thursday, April 25, 2024
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‘तिरुपति मंदिर में ईसाई धर्म का ‘क्रॉस’, एक साथ क्रिसमस और एकादशी के कारण किया ऐसा’ – Fact Check

हिंदू प्रतीक की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके उसे एक क्रॉस की तरह दिखाने का प्रयास हुआ। बाद में उसे इस दावे के साथ शेयर किया गया कि तिरुपति मंदिर में ईसाई कल्पना प्रदर्शित की जा रही है। जबकि यह पूर्णकुंभम को...

वैंकुठ एकादशी के मौके पर तिरुमाला वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की साज-सज्जा देखने योग्य थी। फूल और लाइटों से सजा-धजा स्वामी मंदिर इस दिन किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम था। लेकिन इस बीच फर्जी खबरों के बाजार में मंदिर की सजावट की तस्वीर यह कहकर बेची गई कि यह साज सज्जा ‘क्रॉस’ जैसी है, जो ईसाई धर्म का प्रतीक है। किसी ने प्रोपगेंडा साधने के लिए ये काम किया, किसी ने इस नाराजगी में कि आखिर हिंदू मंदिर पर ईसाइयत कैसे हावी हो सकती है।

सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि वैंकुठ एकादशी पर ऐसी सजावट जानबूझ कर क्रॉस को ध्यान में रख कर की गई क्योंकि क्रिसमस और एकादशी एक दिन थे। अपनी बात को साबित करने के लिए उन नेताओं का भी हवाला दिया गया, जिन्होंने क्रिसमस की बधाइयाँ दी हुई थीं। अब इन दावों की सच्चाई क्या है? बता दें कि तिरुमाला मंदिर पर लाइटिंग ‘क्रॉस’ का प्रतीकात्मक नहीं थीं बल्कि इसके जरिए पूर्णकुंभम यानी कलश को दिखाने का प्रयास हुआ था।

जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर नजर आई तस्वीर 25 दिसंबर से शुरू होने वाले महत्वपूर्ण त्योहार की पूर्व संध्या पर भगवान श्री महाविष्णु के विभिन्न पौराणिक रूपों का चित्रण है, जिसे लाइट से बनाने की मंदिर की प्रथा है।

जब सोशल मीडिया पर हो रहे फर्जी दावों के बारे में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को मालूम हुआ तो उन्होंने इस दावे की निंदा की और साथ ही चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास सिर्फ भगवान वेंकटेश्वर के विश्वयापी श्रद्धालुओं को दुख पहुँचाने वाला है।

सोशल मीडिया पर दावे

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी धर्म रेड्डी ने बताया कि लाइट से बनाए गए एक हिंदू प्रतीक की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करके उसे एक क्रॉस की तरह दिखाने का प्रयास हुआ, और बाद में उसे इस दावे के साथ प्रसारित किया गया कि तिरुपति मंदिर में ईसाई कल्पना प्रदर्शित की जा रही है। उन्होंने पुष्टि की कि वास्तविकता में मंदिर की बाउंडरी पर हुई सजावट में पूर्णकुंभम को दर्शाया गया है, जिसे कलशम भी कहते हैं। इसमें हिंदू रिवाज के अनुसार नारियल और आम के पत्तों का इस्तेमाल होता है।

पूर्णकुंभम

उन्होंने कहा कि सजावट में पूर्णकुंभम प्रतीक का उपयोग किया गया था। साथ में गरुण और आंजनेय भी थे। दुर्भाग्य से सोशल मीडिया पर, इन तस्वीरों को क्रॉस दिखा कर लोगों को गुमराह करने का प्रयास हुआ। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से पुलिस में शिकायत कर दी गई है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की माँग हुई है। 

बता दें कि इससे पहले तिरुपति पुलिस ने पिछले साल 3 लोगों को गिरफ्तार किया था। वह मंदिर को लेकर दावा कर रहे थे कि इसका ढाँचा चर्च जैसा है। पुलिस का क्रॉस को लेकर कहना था कि वास्तविकता में फॉरेस्ट वाचटॉवर पर एक खंबा है, जिसे बहुत दूरी से और ऐसे एंगल से तस्वीर में कैद किया गया है कि लगे वो क्रॉस बना है और लोग भ्रमित हो सकें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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