Thursday, July 17, 2025
Homeदेश-समाजग्रामीणों को लालच देकर करा रहे थे धर्मांतरण, प्रेयर न करने पर दुर्व्यवहार: 3...

ग्रामीणों को लालच देकर करा रहे थे धर्मांतरण, प्रेयर न करने पर दुर्व्यवहार: 3 ईसाई मिशनरी गिरफ्तार

अशोक यादव ने अपनी शिकायत में कहा है कि तीनों गाँव में ही एक घर में रुके थे और लोभ-लालच देकर लोगों का धर्मांतरण करवा रहे थे। सूचना पर जब वे वहाँ पहुँचे तो उन्हें भी प्रेयर करने को कहा गया। प्रेयर न करने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। शोर मचाने पर तीनों वहाँ से भागने लगे, लेकिन मुस्तैद ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया।

उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के बाद अब आजमगढ़ से ईसाई धर्मांतरण कराने में लिप्त 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दीदारगंज के डीह कथौली गाँव में ईसाई धर्मांतरण कराने के लिए 3 लोग पहुँचे थे, जिन्हें सूचना मिलते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। स्थानीय भाजपा नेता अशोक यादव ने इस मामले में थाने में तहरीर दी है, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

इन तीनों को रविवार (दिसंबर 20, 2020) को दबोचा गया। अशोक यादव ने अपनी शिकायत में कहा है कि तीनों गाँव में ही एक घर में रुके थे और लोभ-लालच देकर लोगों का धर्मांतरण करवा रहे थे। सूचना पर जब वे वहाँ पहुँचे तो उन्हें भी प्रेयर करने को कहा गया। प्रेयर न करने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। शोर मचाने पर तीनों वहाँ से भागने लगे, लेकिन मुस्तैद ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया।

आजमगढ़ पुलिस ने मौके से इसाइयत से सम्बंधित कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं। प्रभारी निरीक्षक संजय ने जानकारी दी है कि पकड़े गए अभियुक्त वाराणसी, जौनपुर और आजमगढ़ के निवासी हैं। गाँव के ही त्रिभुवन यादव के यहाँ आयोजित प्रार्थना सभा में तीनों पहुँचे थे। पुलिस इन्हें थाने लेकर आई। फूलपुर के सीओ जितेन्द्र कुमार ने भी थाने में इनसे पूछताछ की। आरोपितों के नाम बालचंद जायसवाल, अशोक और नीरज हैं।

इससे 1 दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में ईसाई धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ था। सूरजपुर थाना क्षेत्र में 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, जो हिन्दू परिवारों को प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण कराते थे। गिरफ्तार आरोपितों में एक दक्षिण कोरिया की महिला भी शामिल है। उसे इस गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। जो लोग धर्म परिवर्तन के लिए तैयार होते थे, उन्हें तुरंत मोटा पैकेज दिया जाता था। बच्चों की पढ़ाई के लिए किताब से लेकर स्टेशनरी के समानों तक उपलब्ध कराए जाते थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मम्मी ला रही थी पीड़ित हिंदुओं को ही जेल में ठूँसने वाला ‘काला कानून’, रोहित वेमुला एक्ट से हिंदुओं को खंड-खंड करना चाहता है...

कर्नाटक का रोहित वेमुला बिल भी सोनिया गाँधी के लाए सांप्रदायिक हिंसा बिल की तरह खतरनाक है इसके प्रावधान भी कुछ-कुछ वैसे ही हैं।

राहुल-तेजस्वी के लिए काम पर लगे अजीत अंजुम-रवीश कुमार, FIR होते ही PCI-एडिटर्स गिल्ड का प्रलाप शुरू: प्रोपेगेंडा परोसना नहीं है ‘प्रेस की स्वतंत्रता’

पत्रकारों का एक संगठन है प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI)। इस संस्था का एक बार फिर से 'दर्द' प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उभर आया है।
- विज्ञापन -