सीएए विरोधी रैली में उपद्रव मचाने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिजनों से मिलने के लिए प्रियंका ने यूपी पुलिस को चकमा दिया था। उस दौरान उन्होंने एक कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता की स्कूटी के पीछे बैठ कर अपनी यात्रा तय की थी।
अपने दुख को भूल डॉ. अर्चना सिंह यह सुनिश्चित करने में जुटी थीं कि प्रियंका गॉंधी की सुरक्षा में सेंध न लगे। तब शायद ही उन्होंने सोचा होगा कि प्रियंका के सामने उनके साथ बदसलूकी होगी और उलटे आरोप उन पर ही मढ़ दिया जाएगा।
"यह अपनी तरह का देश का पहला विश्वविद्यालय होगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले साल 15 जनवरी से इस यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलेगा। फरवरी-मार्च से कक्षाएँ शुरू हो जाएँगी।"
कॉन्ग्रेस ने जो वीडियो जारी किया है उसमें कहीं भी महिला अधिकारी प्रियंका गॉंधी का गला पकड़ते या प्रियंका जमीन पर गिरती नजर नहीं आतीं, जैसा उन्होंने दावा किया था। उलटे महिला अधिकारी के साथ प्रियंका गॉंधी के साथ खड़े लोग ही धक्का-मुक्की कर रहे हैं।
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि वीडियो 20 दिसंबर का है। उन्होंने कहा कि इसको अब वायरल किया जाना बताता है कि कुछ लोग साजिश रच रहे हैं ताकि हालात सामान्य न हो सके।
योगी सरकार ने कहा था कि जिन पीड़ित महिलाओं के पास आवास नहीं हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास या फिर मुख्यमंत्री आवास से घर दिया जाएगा। इन परिवारों को आयुष्मान या आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी दिया जाएगा।
बृजेश और सफीबुन अपने दो बच्चों के साथ गॉंव में ही रहते थे। अजहर काफी समय से बृजेश की हत्या की फिराक में था। बृजेश को अकेले घर लौटते देख उसने ताबड़तोड़ कुल्हाड़ी से उस पर वार कर दिया।
"हिंसा के दौरान हमने पत्थर खाए। हमारे 263 पुलिसकर्मी घायल हैं। कानपुर में हमारे जवान पर पेट्रोल बम फेंका गया, जिसमें उसका सिर फट गया है। जो भी आरोप लग रहे हैं, उसकी जाँच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। स्थानीय प्रशासन को मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है। निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। वहीं दोषी बख्शे नहीं जाएँगे।"
शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज़ के मद्देनज़र पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित। शरारती तत्वों पर ड्रोन से भी नज़र रखी जा रही है। 20 ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद। इसके अलावा, राज्य में पहले से ही धारा-144 लगी हुई है।
फिरोजाबाद पुलिस की ओर से जारी पोस्टर में पुलिस उपाधीक्षक नगर, नगर मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक नगर का फोन नंबर दिया गया है। इसके अलावा पोस्टर में एक लैंडलाइन नंबर भी दिया गया है। जिसके आगे लिखा है कि इस नंबर पर नाम बताए बिना भी सूचना दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम पूर्ण रूप से गोपनीय रखा जाएगा।