एसएचओ शशि कुमार पांडेय ने छानबीन के बाद बताया कि उसके हाथ-पैर एक साफी से पीछे की तरफ बँधे थे और दोनों आँखें फूटी हुई थीं। इसके अलावा गर्दन और जिस्म के अन्य हिस्सों में भी चोट के निशान थे।
राम मंदिर के हक में फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश के मेरठ जोन में मुस्लिम बहुल इलाकों में शांति भंग करने की कोशिश के आरोप में आईपीसी की धारा 151 के तहत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
जज संदीप जैन ने बताया कि वे अपने कार्यालय में बैठ कर कुछ जरूरी आदेश आशुलिपिक से लिखवा रहे थे। तभी 40- 50 वकील कार्यालय में घुस आए और अभद्रता करते हुए मारपीट पर उतारू हो गए।
एक पूर्व मंत्री समेत 10 पूर्व विधायकों को भी ज़िला छोड़ने का नोटिस दिया गया है। यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि वो फ़ैसले वाले दिन जिले में दिखाई दिए तो उनकी तुरंत गिरफ़्तारी होगी।
महिला डर कर उनके साथ सूरजपुर के अदालती परिसर गई तो वहाँ उससे उन कागजों पर जबरन साइन कराया गया जिसमें लिखा था कि वह स्वेच्छा से ₹50000 के बदले इस संबंध से अलग हो रही है। इस दौरान आरोपित शौहर महबूब के साथ उसके दो भाई भी थे।
मैनपुरी पुलिस ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से प्रियंका गाँधी की फ़र्ज़ी ख़बर का खंडन किया है। कहा कि उन्होंने बेवजह इस मुद्दे को जातिवादी रंग दिया। दो पक्षों के बीच जो झड़प हुई थी वो राजपूत परिवार के बीच हुई थी।
प्रदेश सरकार ने सहायक सेनानायक अरुण कुमार, फैजाबाद में डिप्टी एसपी विनोद कुमार राणा, आगरा में डिप्टी एसपी नरेंद्र सिंह राणा, सहायक सेनानायक झाँसी तेजवीर सिंह यादव, डिप्टी एसपी मुरादाबाद संतोष कुमार सिंह तथा सहायक सेनानायक गोंडा में कार्यरत तनवीर अहमद खाँ को अनिवार्य सेवानिवृति प्रदान की है।
आरोपित डीपीएस राठौड़ और स्थानीय नेता अजीत सिंह सबूत के बदले चिन्मयानन्द से सवा करोड़ रुपये माँग रहे थे। इस मामले में यूपी पुलिस की एसआईटी ने आरोपितों पर आईपीसी की धारा 385(रंगदारी) , 506 (धमकी देने) और 201 (सबूत नष्ट करने) के तहत केस दर्ज कर लिया है।
2012 में अखिलेश सरकार बनते ही किसी आईएएस की जगह एक इंजीनियर एपी मिश्रा को यूपीपीसीएल का प्रबंध निदेशक बनाया गया था। इतना ही नहीं सपा सरकार के दौरान मिश्रा को रिटायर होने के बाद भी नियम के विरुद्ध जाकर तीन बार सेवा विस्तार मिला था। एपी मिश्रा ने अखिलेश यादव पर किताब भी लिखी थी।
नेपाल के रास्ते 7 आतंकवादी उत्तर प्रदेश में घुस चुके हैं। ये सभी पाकिस्तानी आतंकवादी हैं, जिन्हें अयोध्या में आतंक फैलाने के लिए भेजा गया है। सम्भावना है कि ये अयोध्या, फ़ैजाबाद और गोरखपुर में छिपे हो सकते हैं। सात में से पाँच आतंकियों की पहचान भी हो गई है।