अनुपम खेर ने इस कविता में विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों के दर्द बयां किया। कैप्शन में उन्होंने बताया कि ये कविता एक विस्थापित कश्मीरी पंडित सुनयना काचरू की है।
शोपियाँ के उपायुक्त (डीसी) मोहम्मद शाहिद सलीम डार ने खुद अर्धनारीश्वर मंदिर का दौरा किया। उन्होंने इस मौके को एक नए युग की शुरुआत बताया, जो शांति और समृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम है।