Sunday, April 28, 2024
Homeदेश-समाजछू न सके मुस्लिम भीड़, इसलिए बिजली की तार लेकर खड़ीं थीं हिंदू महिलाएँ......

छू न सके मुस्लिम भीड़, इसलिए बिजली की तार लेकर खड़ीं थीं हिंदू महिलाएँ… कश्मीर की जो कहानी अनसुनी वह महिला पत्रकार ने सुनाई, बताई अपने परिवार की बीती

आँचल ने अपने थ्रेड में बताया कि 19-20 जनवरी 1990 को कश्मीर में क्या हालात थे। उन्होंने अपने थ्रेड में बताया कि जब उनकी मासी 1990 में कश्मीर से भागीं, तो उनके कश्मीरी पंडित पड़ोसी ने अपनी 12 वर्षीय बेटी को उन्हें सौंप दिया कि वह कैसे भी करके पहले सुरक्षित स्थान पर पहुँच जाएँ, भले ही वह कश्मीर में ही हो।

कश्मीरी हिंदुओं के साथ 90 के दशक में हुई बर्बरता भुला पाना नामुमकिन है। हर साल 19 जनवरी की तारीख आते ही वो जख्म बिलकुल ताजा हो जाते हैं जो इस्लामी कट्टरपंथियों ने कश्मीर के हिंदू परिवारों को 34 साल पहले दिए। कई लोगों ने उस पीड़ा को साझा किया। इसी क्रम में एक्स पर मौजूद इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार आँचल मैग्जीन ने एक थ्रेड में 90 के समय का वाकया बताया।

आँचल ने अपने थ्रेड के जरिए समझाया कि आखिर 19-20 जनवरी 1990 को कश्मीर में क्या हालात थे और कैसे हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा था। उन्होंने अपने थ्रेड में बताया कि जब उनकी मासी 1990 में कश्मीर से भागीं, तो उनके कश्मीरी पंडित पड़ोसी ने अपनी 12 वर्षीय बेटी को उन्हें सौंप दिया कि वह कैसे भी करके पहले सुरक्षित स्थान पर पहुँच जाएँ, भले ही वह कश्मीर में ही हो।

बच्ची को लेकर वह 200 किमी दूर जम्मू निकलीं। इस दौरान बच्ची ने एक घूँट पानी तक नहीं पिया। वो परेशान थी कि उसके माता पिता को उससे दूर किया गया है। लेकिन परिवार करता भी तो क्या जैसे हालात थे उनकी चिंता यही थी कि महिलाओं और लड़कियों को बचाया जाए।

आँचल ने अपने थ्रेड में बताया कि उस रात जब महिलाओं को लेकर इस्लामी कट्टरपंथी ओछे नारे लगा रहे थे। तब उनके घर की महिलाएँ बिजली की तारें लेकर खड़ी थीं। उन्हें डर था कि अगर इस्लामी कट्टरपंथी घुस आए तो वो उनके हाथ आने के बजाय मौत को चुन लेंगी।

आँचल कहती हैं कि कश्मीरी पंडितों को जिस वजह ने भागने को मजबूर किया गया वो उनकी महिलाएँ और उनकी सुरक्षा थी। उस समय कश्मीर में आजादी और क्रांति के नारे नहीं, बल्कि नारे थे- “असि गछि काशीर, बटव रोअस त बटनेव सान (कश्मीर चाहिए, बिना कश्मीरी पंडित आदमियों के और कश्मीरी पंडित औरतों के साथ); रालिव, गलिव या चलिव का नारा था” जिसका मतलब था (इस्लाम कबूलों या फिर भाग जाओ।)

आँचल मैग्जीन द्वारा शेयर किए थ्रेड (तस्वीर साभार: @AanchalMagazine)

पत्रकार ने बताया कि कश्मीरी महिलाओं के साथ जो हुआ है 34 साल बाद भी उसका आंतरिक आघात, तनाव, ट्रॉमा उनमें हैं। बड़ी मुश्किल से इस पर बात हो पाती है। वह कहती हैं कि पिछले कुछ सालों से वह जब इसपर लिखती हैं तो उन्हें नफरत भरे संदेश आते हैं। एक ने तो ये तक कहा था उन्हें तुम्हें जन्म देने के लिए तुम्हारी माँ को शर्मिंदा होना चाहिए। एक ने कहा था- “तुम्हारे घर में मर्दों को स्कर्ट पहनना चाहिए”

आँचल मैग्जीन द्वारा शेयर किए थ्रेड (तस्वीर साभार: @AanchalMagazine)

अपने थ्रेड में आँचल पूछती हैं कि 47 के समय जब विभाजन हुआ था तो भी लोगों ने पलायन किया था क्या इसे ये कहेंगे कि वो कमजोर थे। वो पूछती हैं कि कैसे कश्मीरी पंडितों का रेप करने वाले, महिलाओं को टारगेट करने वाले ताकतवर माने जाते हैं और कैसे उनकी रक्षा करने वाले लोग कमजोर समझे जाते हैं।

आँचल पूछती हैं, “शर्म हम लोग क्यों करें। ये शर्म उन्हें आनी चाहिए जिन्होंने हमें जाने के लिए मजबूर किया और उन्हें आए जो उस दर्द को हमारी कमजोरी कहते हैं।”

आँचल अपनी परवरिश पर गौरवान्वित महसूस करती हैं। कहती है- “मुझे इस बात पर बहुत गर्व है कि कैसे मेरे परिवार ने अंजान क्षेत्र में, घर छिन जाने के बाद, यातना से गुजरते हुए नए जीवन की शुरुआत कर मेरा पालन-पोषण किया। मेरे नाना (नाना), जो पलायन के बाद सिर्फ छह साल जीवित रहे, ने मुझे कभी हिंसा, बदला लेना नहीं सिखाया। उन्होंने मुझे विद्या दी। सिखाया कि किताबों को कभी मत छोड़ो। मैं आज भी इस पर अमल कर रहा हूँ लेकिन न्याय और पुनर्वास की आशा कहीं से नहीं दिख रही।”

आँचल उम्मीद करती हैं कि जिस तरह से लोग कश्मीरी पंडितों के दर्द असंवेदनशील हो जाते हैं ये पीढ़ी वैसी न हो। वो वह आघात कश्मीरी पंडितों को न दें। वह कहती हैं कि आज भी ऐसे लोग हैं समाज में जो मानते ही नहीं 90 में कश्मीरी हिंदुओं संग कुछ गलत हुआ था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘नवाबों-सुल्तानों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं, राजा-महाराजाओं का अपमान करते हैं कॉन्ग्रेस के शहजादे’: राहुल गाँधी को PM मोदी का जवाब, याद दिलाया...

राजा-महाराजाओं पर राहुल गाँधी के बयान को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस के शहजादे देश के राजा-महाराजाओं का अपमान करते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe