बधाई ट्वीट में अपने देश लिखना यूजर्स को रास नहीं आया। उन्होंने पूछा कि कॉन्ग्रेस किस देश से है। यूजर्स का कहना था कि ऐसा लगता है कि कॉन्ग्रेस भारत को अपना देश नहीं मानती। कुछ लोगों ने लिखा कि कॉन्ग्रेस पाकिस्तान या इटली को अपना राष्ट्र मानती है।
संजय दत्त के स्वर्गीय पिता सुनील दत्त ने पाँच बार कॉन्ग्रेस पार्टी से मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले मई 2004-2005 के दौरान यूपीए-1 सरकार में युवा मामलों और खेल मंत्री के रूप में भी कार्य किया था
जम्मू-कश्मीर के मसले पर लोकसभा में पार्टी की किरकिरी करा चुके अधीर रंजन चौधरी ने कहा था, "जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल को राज्य बीजेपी इकाई का अध्यक्ष बना देना चाहिए। उनकी टिप्पणी और बयान बीजेपी नेताओं की तरह होते हैं।”
मायावती ने आगे कहा कि इस स्थिति में, कॉन्ग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए कश्मीर जाना और स्थिति का राजनीतिकरण करने का प्रयास करना उचित नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि पार्टियों को कश्मीर जाने से पहले थोड़ा इंतज़ार करना चाहिए।
प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा है कि 5 साल तक मोदी का विरोध करने वाले थरूर बताएँ कि अचानक से उनके सुर क्यों बदल गए हैं। वहीं केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नितला ने कहा है कि मोदी का गुणगान करने की जरूरत नहीं है।
अगर भाजपा ने किसी स्वतंत्रता सेनानी या किसी महापुरुष को लेकर ऐसा निर्णय लिया होता तो कई लोग बवाल खड़ा करते हुए कहते कि सरकार पाठ्यक्रम से छेड़छाड़ कर रही है या उसका भगवाकरण कर रही है।
राहुल गॉंधी और अन्य विपक्षी नेताओं से राज्यपाल ने कहा है, "अब उनकी यहॉं कोई जरूरत नहीं है। उनकी जरूरत तब थी जब उनके साथी संसद में बोल रहे थे। यदि वे यहॉं आकर माहौल बिगाड़ना और दिल्ली में बोले गए झूठ को ही दोहराना चाहते हैं तो यह सही नहीं है।"
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपने बयान में कहा था कि ऐसे वक्त में जब सरकार लोगों को सीमा पार आतंकवाद के खतरे से बचाने की कोशिश कर रही है तब वरिष्ठ राजनेताओं की ओर से आम जनजीवन को पटरी पर लाने में बाधा डालने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। अगर वो इलाके का दौरा करेंगे, तो उन पाबंदियों का भी उल्लंघन करेंगे, जो अब भी कई इलाकों में लागू है।
अर्शी ख़ान ने इस साल की शुरुआत में ही कॉन्ग्रेस का हाथ थामा था। पार्टी में उन्हें एक बड़ा पद भी दिया गया था। उन्होंने तब ये भी कहा था कि वो लोकसभा चुनाव में भाग लेंगी। पार्टी ने उन्हें मुंबई प्रदेश माइनॉरिटी वेलफेयर कमिटी का वाइस प्रेसिडेंट बनाया था, लेकिन...
“चिदंबरम जी निर्दोष सिद्ध हों, पार्टी की स्वच्छ छवि बने, यही कामना करते हैं, परंतु दुख इस बात का है कि हमारे सभी "मठाधीश "अधिवक्ता जिन्हें बार-बार राज्यसभा का सदस्य बनाया, उनकी जमानत नहीं करा पाए।”