कानून के शासन और नैतिकता, मूल्यों, आदर्शों की बातें करने वाली योगी सरकार क्या जनता के लिए अलग और अपने विधायक के लिए अलग मापदंड अपनाएगी? नेताजी के लिए “भीड़” का समर्थन आएगा, इस डर से नेताजी को छोड़ा भी जा सकता है! या फिर नेताजी भी वैसे ही जेल जाएँगे जैसे इस मामले में कोई साधारण व्यक्ति गया होता?
बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस पर पत्थर भी फेंके गए हैं, जिसके जवाब में भीड़ पर क़ाबू पाने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी है। मामले को क़ाबू में रखने के लिए भारी मात्रा में पुलिस सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।