Sunday, June 22, 2025
Homeराजनीतिगहलोत की आरक्षण राजनीति: राजस्थान में अब न्यायिक सेवा में गुर्जर समेत 5 जातियों...

गहलोत की आरक्षण राजनीति: राजस्थान में अब न्यायिक सेवा में गुर्जर समेत 5 जातियों को 5% रिजर्वेशन

राजस्थान न्यायिक सेवा नियम, 2010 में संशोधन किया गया। जिसके बाद 1 फ़ीसदी आरक्षण के स्थान पर 5 फ़ीसदी तक आरक्षण मिलेगा। इस फैसले को लेकर गहलोत मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।

राजस्थान में जारी सियासी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दाँव खेला है। सरकार ने राज्य की न्यायिक सेवा नियमावली में संशोधन किया है। जिसके बाद राज्य के गुर्जरों सहित अति पिछड़ा वर्ग को 5 फ़ीसदी तक आरक्षण मिलने वाला है। इस फैसले को लेकर मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। 

राजस्थान सरकार की तरफ से जारी किए गए आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक़ राजस्थान न्यायिक सेवा नियम, 2010 में संशोधन किया गया है। जिसके बाद 1 फ़ीसदी आरक्षण के स्थान पर 5 फ़ीसदी तक आरक्षण मिलेगा। अति पिछड़े वर्ग से आने वाले लोग काफी समय से न्यायिक सेवा नियमावली में संशोधन की माँग कर रहे थे। अब उन्हें इसका लाभ मिलना शुरू होगा। 

इस संशोधन के तहत कई जाति वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा। इसमें गुर्जर, रायका-रैबारी, गडिया-लुआर, बंजारा और गडरिया जैसी कई जातियाँ शामिल हैं। इस फैसले के बाद अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को अधिक संख्या में न्यायिक सेवा का हिस्सा बनने का मौक़ा मिलेगा। राज्य की न्यायिक सेवा में महिलाओं की बात करें तो उन्हें 50 फ़ीसदी आरक्षण मिल रहा है। इस फैसले के बाद प्रदेश की न्यायिक सेवा में आरक्षण बढ़ कर कुल 55 फ़ीसदी तक हो चुका है। 

गहलोत सरकार के इस फैसले को राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है। सचिन पायलट की बगावत के बाद गहलोत सरकार के प्रति राजस्थान के गुर्जर समाज की नाराज़गी बढ़ी थी। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी नाराज़गी कम करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह कदम उठाया है। इसके राजस्थान में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच गुर्जर समाज के लोगों ने अशोक गहलोत के खिलाफ़ प्रदर्शन भी किया था । राज्य के कई क्षेत्रों में उनके पुतले भी जलाए थे। 

साल 2007 से साल 2009 के बीच हुए गुर्जर आरक्षण आन्दोलन में लगभग 68 से 70 लोगों की मृत्यु हुई थी। इस हिंसक विरोध प्रदर्शन में सरकार संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ था। जिसके बाद वसुंधरा राजे की सरकार ने गुर्जरों को आरक्षण दिलवाया था। सरकार के उस कदम पर उच्च न्यायालय ने साल 2011 में रोक लगा दी थी। जिसके चलते एक बार फिर राज्य में आन्दोलन शुरू हुआ। फिर अशोक गहलोत ने साल 2019 में विधानसभा के भीतर विधेयक पारित कराया। इसके पारित होने के बाद गुर्जर समाज सहित 5 अति पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया गया।   

इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टिड्डियों के मामले में भी केंद्र सरकार से माँग उठाई है। उनके मुताबिक़, “सालों बाद इतने बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। टिड्डियों को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देना चाहिए। कुछ ज़िलों को छोड़ कर बाकी हर जगह के हालात बदतर हैं। यह साल भयावह है और इसके सम्बन्ध में मैंने प्रधानमंत्री मोदी को भी पत्र लिखा है। मैंने उनसे यह माँग की है कि टिड्डियों को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया जाए।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आज जो छाँटते हैं मीडिया एथिक्स का ‘ज्ञान’, वही थे आपातकाल का ‘गोदी मीडिया’: इंदिरा गाँधी ने झुकने को कहा, वे खुद को बड़ा...

आपातकाल के दौरान मीडिया पर कड़ा नियंत्रण हुआ। स्वतंत्र पत्रकारिता दबा दी गई और बड़े मीडिया हाउस इंदिरा गाँधी के प्रचार का औज़ार बनकर रह गए।

भारत-हिंदू-यहूदी विरोधी जोहरान ममदानी बनना चाहता है न्यूयॉर्क का मेयर, जमकर डॉलर दे रहे इस्लामी कट्टरपंथी संगठन: मीरा नायर का बेटा ‘सोशलिज्म’ की आड़...

जोहरान का मकसद साफ है - वो उन ताकतों का साथ लेकर न्यूयॉर्क का मेयर बनना चाहता है, जो भारत और हिंदुओं के खिलाफ हैं।
- विज्ञापन -