ऑपइंडिया के पास शुंगलू कमिटी का वह रिपोर्ट है जिसमें अशोक लवासा की बेटी और बेटे के अनुचित लाभ उठाने की बात कही गई है। शुंगलू कमिटी ने ये साफ बताया है कि सिलेक्शन कमिटी ने अन्वी लवासा के प्रोजेक्ट ऑफिसर (PO) के रूप में चयन में उन्हें उनके पॉवरफुल संबंधों की वजह से फेवर किया गया।
विपक्षी दलों ने मतगणना के समय किसी भी मतदान केंद्र पर गड़बड़ी पाए जाने की स्थिति में देशभर में सभी विधानसभा क्षेत्रों में EVM के आँकड़ों के साथ VVPAT मशीन की पर्चियों से मिलान की माँग की थी।
टुडे चाणक्य के अलावा किसी भी एजेंसी का एग्जिट पोल सटीक नहीं था। इसलिए एग्जिट पोल को लेकर मीडिया के साथ-साथ जनता की उत्सुकता तो रहती है लेकिन यह उम्मीदों पर भी खरी उतरे, इसकी संभावना नहीं के बराबर मान के चलनी चाहिए।
राघव चड्ढा ने सवालिया होते हुए पूछा कि दक्षिणी दिल्ली लोकसभा की RO और अन्य अधिकारी उस कमरे को क्यों खोलते हैं जहाँ पोस्टल बैलेट रखा रहता है? 13 तारीख़ को स्टॉन्ग रूम सुबह 11 बजे बंद किया गया, आख़िर 6-7 घंटे EVM कहाँ रही।
किसी भी तरह की गड़बड़ी न होने पाए इसके लिए दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रशिक्षण के दौरान अपने मतगणना कर्मियों समेत चुनाव अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
अगर राज्य स्वयं ही गुंडों को पाले, उनसे पूरा का पूरा बूथ मैनेज करवाए, उनके नेता यह आदेश देते पाए जाएँ कि सुरक्षाबलों को घेर कर मारो, उनके गुंडे इतने बदनाम हों कि वहाँ आनेवाला अधिकारी ईवीएम ही उन्हें सौंप दे, तो फिर इसमें चुनाव सही तरीके से कैसे हो पाएगा?
"मतगणना में 8 से 10 घंटे की संभावित देरी से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रक्रिया और लम्बी होने के पीछे ये तीन कारण हैं- वीवीपैट पर्चियों का मिलान, पोस्टल बैलेट्स की गणना और 'Electronically Transmitted Postal Ballots System (ETPBS)' की स्कैनिंग।"
ममता सरकार की इस बड़ी कार्रवाई में बिना किसी क़ानूनी प्रक्रिया का अनुसरण किए और बिना किसी चार्ज के कई भाजपा नेताओं को उठा लिया गया। बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली के लिए देश के कई क्षेत्रों से भाजपा नेता कोलकाता में जाकर ठहरे हुए थे।
स्वराज एक्सप्रेस के लिए यौन शोषण आरोपित विनोद दुआ ने एग्जिट पोल दिखाए थे, जिसे उन्होंने न्यूज़क्लिक नामक प्रोपेगेंडा वेबसाइट से उठाया था। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने भी एग्जिट पोल खुलेआम ट्विटर पर जारी किया था।