जयशंकर ने तो केवल पटेल का नाम लिया है। फेहरिस्त लंबी है जिन्हें नेहरू पसंद नहीं करते थे। कथित इतिहासकार गुहा से लेकर कॉन्ग्रेसी-वामपंथी इन ऐतिहासिक तथ्यों को झुठला नहीं सकते।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फर्जी इतिहासकार रामचंद्र गुहा के इस आरोप का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कुछ विदेश मंत्री ढेर सारी किताबें पढ़ते हैं और प्रोफेसरों के लिए भी ये अच्छी आदत हो सकती है। उन्होंने गुहा को सलाह दी कि वो नारायणी बसु द्वारा लिखित वीपी मेनन की जीवनी पढ़ें।
उस समय के कैबिनेट मंत्री मोरारजी देसाई ने तो विपक्षी दलों को भी इस संधि के खिलाफ एकसाथ होने की सलाह दे डाली थी। तत्कालीन गृहमंत्री गोविन्द बल्लभ पन्त भी पाकिस्तान को दी जाने वाली इस आर्थिक राशि से नाखुश थे। वो चाहते थे कि इस आर्थिक राशि का उस धन के साथ सामन्जस्य बैठाया जाए, जो हिन्दू शरणार्थी पाकिस्तान में छोड़ कर आ चुके थे।
कॉन्ग्रेस चाह कर भी नेहरू-गाँधी से ऊपर नहीं उठ पा रही। स्टेडियम, हॉस्टल, अस्पताल, सरकारी योजनाओं में इनके नाम के राजनीतिक इस्तेमाल के बाद अब जनता पर इनको थोपने की योजना। कमलनाथ सरकार ने MPPSC के परीक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए इसमें भी नेहरू को घुसा दिया।
पहले वे जनेऊधारी हिंदू बने। फिर दत्तात्रेय गोत्री। पर जब मौका आया तो कॉन्ग्रेस ने न बहुसंख्यकों की भावना का मान रखा और न देशहित का। तुष्टिकरण के फेर में न वह नेहरू के साथ निभा पाई और न ही उनसे पल्ला छुड़ा पाई।
आज कॉन्ग्रेस CAA का विरोध कर रही है। इसका कोई आधार नहीं है। जरूरत है उसके नेता इतिहास को समझें। नेहरू मंत्रिमंडल में राहत और पुनर्वास के लिए अलग से मंत्रालय था। मोदी सरकार ने उसी प्रक्रिया का सरलीकरण किया है।
एडीजे कोर्ट ने जेल में बंद अभिनेत्री पायल रोहतगी को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उन्हें जमानत दे दी है। कोर्ट ने पायल की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों की बहस के बाद रोहतगी द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए नेहरू-गाँधी परिवार के वीडियो को देखा और इसके बाद अपना फैसला सुनाया।
पायल को बूॅंदी पुलिस ने रविवार को अहमदाबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। उन पर नेहरू को लेकर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थन में सोशल मीडिया में 'आई स्टैंड विथ पायल रोहतगी' ट्रेंड करने लगा था।
पायल रोहतगी सोशल मीडिया में वीडियो के जरिए अपनी बात रखती रहती हैं। उन पर नेहरू को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी के बाद से ट्रेंड हो रहा है 'आई स्टैंड विथ पायल रोहतगी'।