जो प्रत्याशी या संगठन धनबल और बाहुबल का इस्तेमाल नहीं करता, या उसके इस्तेमाल में झिझकता है; उसे कमजोर मान लिया जाता है। पूरी चुनावी व्यवस्था इतनी दूषित हो चुकी है कि सही और सकारात्मक साधनों से लड़कर चुनाव जीतना लगभग असंभव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को संबोधित किया। विश्वविद्यालय के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि यह केवल एक यूनवर्सिटी ही नहीं, बल्कि आंदोलन भी है।