"अदालत दिल्ली सरकार को 2 हफ्ते के भीतर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देती है। हलफनामे में बीते 3 वर्षों में विज्ञापन पर किए गए खर्चों का पूरा ब्यौरा होना चाहिए।"
बिल्डिंग की मरम्मत के लिए शुरुआत में 15-20 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन, बाद में इस राशि को बढ़ाते-बढ़ाते करीब 53 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए।