पीएम मोदी ने राहुल गाँधी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का नाम लिए बगैर कहा था, "आपके पिता को उनके राज दरबारियों ने गाजे-बाजे के साथ 'मिस्टर क्लीन' बना दिया था, लेकिन उनका जीवनकाल 'भ्रष्टाचार नंबर-1' के रूप में समाप्त हो गया।"
पीएम मोदी ओडिशा की तरह पश्चिम बंगाल में भी चक्रवाती तूफान के बाद उत्पन्न स्थिति के लिए समीक्षा बैठक करना चाहते थे। इसके लिए वहाँ की सरकार को पत्र भी लिखा गया, लेकिन राज्य की ममता सरकार ने जवाब में कहा कि सरकारी अधिकारी चुनाव ड्यूटी में बिजी हैं, इसलिए समीक्षा बैठक नहीं हो सकती।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि पीएम की भाषा बदल गई है क्योंकि पिछले चरणों में जो भी चुनाव हुए हैं उनमें बीजेपी को एहसास हो गया है कि वो पिछड़ रही है। वे विकास, किसानों की आय के बारे बात नहीं कर रहे हैं। पीएम सिर्फ़ लोगों को गुमराह करना चाहते हैं।
हास्य कलाकार ने कहा, "फिर भले ही हम उनका मजाक उड़ा रहे हों, उनके नाम पर कॉमेडी कर रहे हों, या जो भी हो, लेकिन सुन लो ‘आएँगे तो मोदी जी ही’।" साथ ही, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जिस चैनल से वो वीडियो पेश किया गया उस चैनल का नाम है ‘अब तक’ है जो कि भारतीय चैनल ‘आज तक’ का कॉपी है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब जब मुंबई मिरर ने एक राजनीतिक नेता के ख़िलाफ़ अपमानजनक और अप्रिय टिप्पणी प्रकाशित की हो। पिछले साल, उन्होंने एक 'फ़ैशन ब्लॉगर' द्वारा एक कॉलम प्रकाशित किया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ख़िलाफ़ बेहद ग़लत और अपमानजनक टिप्पणी लिखी थी।
राबड़ी देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गैर-राजनैतिक साक्षात्कार पर तंज कसा। इसके बाद भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल के साथ कई अन्य ट्विटर यूजर्स ने राबड़ी देवी और लालू यादव पर जमकर निशाना साधा।
तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों ने उन मतदाताओं को परेशान किया, जिनकी ऊँगली से इत्र की महक नहीं आ रही थी। जिनकी ऊँगली से इत्र की महक आ रही थी, उन्हें यह समझकर छोड़ दिया गया कि उन्होंने तृणमूल को ही वोट दिया है।
पीएम मोदी ने कहा था कि कश्मीर में एम्स और आईआईएम की स्थापना की गई, लेकिन अच्छे प्रोफेसर वहाँ जाने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि वो वहाँ पर कोई इनवेस्टमेंट नहीं कर सकते, संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं।
डॉ अन्नपूर्णा शुक्ला को मदन मोहन मालवीय की मानस पुत्री माना जाता है। वो मदन मोहन मालवीय का आशीर्वाद पाने वाली एकमात्र जीवित पूर्व प्राचार्या हैं। यही वजह है कि उन्हें मालवीय की दत्तक पुत्री भी कहा जाता है। 91 वर्षीय अन्नपूर्णा शुक्ला पीएम की प्रस्तावक बनकर बेहद खुश दिखीं।
वफ़ादार मीडिया को उम्मीद थी कि प्रियंका गाँधी वाड्रा उनकी रक्षक होंगी। और इसीलिए उन्होंने भाई-बहन की जोड़ी को मसीहा के रूप में प्रचारित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें यह एहसास हो चला है कि वो अब तक किसी हारने वाले घोड़े पर ही दाँव लगाते रहे।