चिदंबरम के परिवार का और कानूनी विवादों का रिश्ता नया नहीं है। चिदंबरम के अलावा उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ भी ये आरोप हैं कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ संभावित जाँच को रुकवाने के लिए 10 लाख डॉलर की माँग की थी। इस मामले में कार्ति चिदंबरम को बीते साल 28 फरवरी को गिरफ्तार भी किया गया था।
CBI तथा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पी चिदम्बरम की गिरफ्तारी से राहत माँगने वाली याचिका के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किए हैं। अब कोर्ट कैविएट दायर करने वालों का पक्ष सुने बिना मामले में कोई फैसला नहीं सुना सकता है।
2008 में एफआईपीबी की मंजूरी में कुछ दिक्कतें आईं तो पीटर मुखर्जी और इन्द्राणी ने 'उचित सलाह' के लिए तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से मुलाक़ात की। कार्ति ने मुखर्जी दम्पति से 10 लाख डॉलर रिश्वत के रूप में माँगे।
दिल्ली हाईकोर्ट चिदंबरम को 'किंगपिन' बताते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। HC ने चिदंबरम के मामले को मनी लॉन्ड्रिंग का 'क्लासिक उदाहरण' बताते हुए कहा कि ऐसे केस में यदि आरोपित को जमानत दी जाती है, तो इससे समाज में बेहद खराब संदेश जाएगा।
रतुल पुरी ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा रिकॉर्ड किए गए अपने बयान की कॉपी हासिल करने के लिए गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। निचली अदालत ने 6 अगस्त को उनकी यह माँग ख़ारिज कर दी थी।
साल 2015 में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने इस केस की कमान CBI को सौंप दी थी। ऐसा करने के पीछे तर्क यह दिया गया था कि फारूक अब्दुल्ला का राज्य में काफ़ी दबदबा था और ऐसी संभावना थी कि राज्य पुलिस को इस मामले की जाँच में परेशानी हो सकती थी।
ये मामला साल 2007 में आईएनएक्स मीडिया से मिले धन के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से अनुमति मिलने से संबंधित है। जिसमें 305 करोड़ रुपए की गैर-कानूनी लेन-देन मामले में इंद्राणी मुखर्जी के अलावा पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम भी आरोपी है।
मामला 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपा था। CBI ने गत वर्ष जुलाई में फारूक के अलावा तीन और लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की थी। जिस वक़्त यह घोटाला हुआ फारूक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे।
PNB बैंंक को करोड़ों रुपए का चूना लगाकर भागने वाले नीरव मोदी को प्रत्यर्पित कर भारत लाने की कोशिश में केंद्रीय एजेंसियाँ जुटी हुई हैं। ब्रिटेन की पुलिस ने नीरव मोदी को 19 मार्च 2019 को होलबोर्न से गिरफ़्तार किया था। उसके बाद से ही वो पुलिस हिरासत में है।