सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इसके बाद से बागी विधायक विश्वासमत पर चर्चा से दूर ही रहे हैं। उन्हें मनाने के गठबंधन सरकार के प्रयास अब तक सफल नहीं हो पाए हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 थम गए हैं लेकिन इसके नतीजे और रुझान थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। चुनाव में बहन मायावती की पार्टी BSP को मिली करारी हार के बाद पार्टी में असंतोष खुलकर सामने आ गया है।
बीजेपी अपने दम पर पूरे यूपी में 50% के करीब वोट और 64 सीटों पर जीत हासिल की तो वहीं सपा-बसपा मिलकर 15 सीटें और 40 फीसदी के आसपास वोट शेयर हासिल कर पाई। कुल मिलाकर पूरी तरह फेल हो गया उनका जातीय समीकरण। यही अब गठबंधन में टूट का कारण बन कर उभरा है।
अतुल जमानत के लिए हाई कोर्ट तक गए, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली। अतुल राय के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। हालाँकि वो चुनाव प्रचार के दौरान वह अपने क्षेत्र में मौजूद नहीं थे, फिर भी उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी से लगभग 1 लाख 22 हजार वोटों से जीत हासिल की थी।
मायावती ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार एवं पुलिस प्रशासन के विरुद्ध भी सख्त कदम उठाना चाहिए, जिन्होंने वहाँ राजनीतिक स्वार्थ के लिए पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाकर इस मामले को दबाए रखा।
मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेसी नेताओं द्वारा जो यह प्रचार किया जा रहा है कि भाजपा भले ही जीत जाए, लेकिन बसपा-सपा गठबंधन को नहीं जीतना चाहिए, यह कॉन्ग्रेस पार्टी के जातिवादी, संकीर्ण व दोगले चरित्र को दर्शाता है।
जमीन पर मतदाताओं तक महागठबंधन की खबर पहुँचा पाने में बसपा कार्यकर्ता विफल रहे हैं। एक बड़ा मतदाता वर्ग हाथी न ढूँढ़ पाने के भ्रम में कमल का बटन दबा आ रहे हैं।
"देश-आमहित में और पार्टी के मूवमेंट के हित में कभी-कभी हमें ऐसे कठिन फैसले लेने पड़ते हैं जिसको आगे रखकर ही हमने देश के वर्तमान हालातों के चलते हुए यूपी में एसपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है।"
इससे पहले भी गुड्डू पंडित पीएम मोदी व सीएम योगी के लिए अपशब्दों का प्रयोग कर चुके हैं। उन्होंने पूर्व विधायक अरिदमन सिंह के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया था। ये इस चुनाव के दौरान पाँचवा मौक़ा है जब उन्होंने ऐसी हरकत की है। उनके ऊपर रंगदारी सही सात आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बीजेपी पाँचवें नम्बर पर है। पार्टी के पास केवल ₹82 करोड़ बैंक बैलेंस है, लेकिन भाजपा का दावा है कि पार्टी द्वारा 2017-18 में दान से प्राप्त ₹1027 करोड़ में से ₹758 करोड़ खर्च कर दिए है