एशियन रिव्यू ऑफ बुक्स ने इस पुस्तक के लिए लिखा है, ’’राजनीतिक प्रवंचना के प्रशंसक इस व्यंग्यपूर्ण कथा को सराहेंगे, जो पश्चिम बंगाल के शासक वर्गों में फैले कपटाचरण, मीडियाई जोड़तोड़ और हत्याओं के किस्से बयां करती है।’’
अपूर्बा चक्रबर्ती कल रात इस्लामपुर के गुलशन इलाके में अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ एक शादी समारोह में गए थे। इसके बाद जब वो लगभग 10 बजे शादी से वापस घर जा रहे थे, तो संदिग्ध TMC गुंडों ने सड़क पर उनके साथ मारपीट की।
ममता ने अपने कार्यकर्ताओं से पोलिंग बूथ पर सतर्क रहने का आदेश दिया है। दरअसल, ममता का तर्क है जब
एक दिन में त्रिपुरा, राजस्थान में चुनाव हो सकते हैं तो बंगाल में क्यों नहीं सकते?
प्रिंसिपल ने बताया कि इस इलाके में कम उम्र में विवाह करने का चलन है। चूँकि पुरुष काम के लिए अधिकतर समय बाहर रहते हैं, ऐसे में माताएँ ही लड़कियों की देखभाल करती हैं। इसलिए वो अपनी बेटियों की जल्द शादी...
मतुआ समुदाय की मार्गदर्शिका वीणापाणि देवी ठाकुर के निधन के साथ ही बंगाल का चुनावी गणित बदलता नज़र आ रहा है। एक पत्र में उन्होंने नागरिकता विधेयक को लेकर ममता बनर्जी की आलोचना की थी। 1.5 करोड़ की जनसंख्या वाला मतुआ समुदाय वैष्णव सम्प्रदाय का हिस्सा है।
IPS अधिकारी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर शनिवार सुबह ही कार्रवाई की। इस दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने 1,000 kg पोटैशियम नाइट्रेट के साथ 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।
जगह-जगह बैरिकेड्स लगाकर पुलिस ने रैली को रोकने की कोशिश की। जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने मिदनापुर में रैली के दौरान बैरिकेड्स तोड़ आगे बढ़ने की कोशिश की तो ममता बनर्जी की पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया।
ममता द्वारा पूछे गए इस वाहियात प्रश्न पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि बनर्जी की टिप्पणी बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। "जहाँ एक तरफ पूरा देश बदला लेने के लिए कह रहा है कि वहाँ पाकिस्तान पर भारत द्वारा किए गए हमलों का सबूत माँगा जा रहा है।
“पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के डर से अधिकारी इतने विवश हैं कि किसी को प्रतिनियुक्ति पर भी जाने की अनुमति नहीं है। यहाँ बंगाल में एक ख़ौफ़ की स्थिति है।”