अपने पिता पर गंभीर आरोपों की लम्बी फेहरिस्त जारी रखते हुए उसने यह भी कहा कि वे अपने सहयोगियों को टेंडर जारी होने के पहले से तय राशि बता देते थे और उनके सहयोगी उससे सस्ते दाम लगाकर टेंडर पा लेते थे। इसके बाद चाहे वे जैसी भी गुणवत्ता का सामान दें, आश्रम खरीद लेता था।
वीडियो में महिला को आरोपित से पूछताछ करते हुए देखा गया जो इस घटना में अपनी ओछी हरक़तों से इनकार कर रहा था। बाद में उसने 'सॉरी' कहा और अनुरोध किया कि महिला उसे पुलिस स्टेशन न ले जाए।
पुलिस उपायुक्त (क़ानून-व्यवस्था) एल बालाजी सरवनन ने बताया कि आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि इस बात की जाँच भी की जा रही है कि स्कूल में इस तरह की घटनाएँ हुई थी या नहीं।
इसके पहले, JNU के छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन पर फीस बढ़ाने का आरोप लगा कर विरोध प्रदर्शन भी किया था। इस दौरान छात्रों ने न सिर्फ़ पुलिस के साथ झड़प की, बल्कि महिला प्रोफेसर के साथ भी बदतमीजी की। महिला प्रोफेसर के कपड़े फाड़ने की कोशिश की गई थी।
"जेएनयू में एक महिला प्रोफेसर के साथ इतनी बदसलूकी? यह कोई छात्र आन्दोलन नहीं हो सकता। ताज्जुब नहीं होगा यदि यह कपड़े फाड़ने का प्रयास करने वाली वामपंथी विचारधारा की समर्थक छात्रा, कल महिला अधिकारों पर भाषणबाजी करते हुए दिखे। शर्मनाक!"
ज़ाकिर के अतिरिक्त पुलिस ने 8 अन्य 'आयोजकों' को भी हिरासत में लिया जो वेश्यालयों का प्रबंधन कर रहे थे। इसके अलावा पुलिस ने 5 'ग्राहकों' को भी गिरफ्तार किया है।
महिला डर कर उनके साथ सूरजपुर के अदालती परिसर गई तो वहाँ उससे उन कागजों पर जबरन साइन कराया गया जिसमें लिखा था कि वह स्वेच्छा से ₹50000 के बदले इस संबंध से अलग हो रही है। इस दौरान आरोपित शौहर महबूब के साथ उसके दो भाई भी थे।