केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कालेधन के खिलाफ लड़ाई में इसे काफी महत्वपूर्ण कदम बताया है। दोनों देशों के बीच का यह आदान-प्रदान AEOI के तहत होगा। इससे बड़ी-बड़ी 'मछलियों' की काली कमाई का खुलासा होने की उम्मीद है।
OSD in PMO नियुक्त हुए पीके सिन्हा यूपी कैडर के अफसर हैं। अर्थशास्त्र में स्नातक और परास्नातक करने वाले सिन्हा ऊर्जा और जहाजरानी मंत्रालयों में सचिव भी रह चुके हैं। कैबिनेट सचिव के तौर पर 2017 और 2018 में एक-एक साल का विस्तार पाने के बाद जब उन्हें जून में तीसरा सेवा-विस्तार मिला तो.....
आम आदमी को रिजर्व बैंक या उसी कार्यशैली का कुछ पता नहीं होता। इसलिए, उसे मूर्ख बनाना आसान होता है कि देखो मोदी रिजर्व बैंक को लूट रहा है। जबकि राहुल गाँधी ये नहीं बता पाएँगे कि 2013-14, 14-15, 15-16 और उसके पहले भी रिजर्व बैंक ने सरप्लस भारत सरकार को दिया या नहीं। दिया तो कितने प्रतिशत दिया।
लोग इस मामले में बात छिपा रहे हैं कि बिमल जालान को सरकार में लाने वाले मोदी नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी हैं। 1970 के दशक में इंदिरा गाँधी ने 4-5 उभरते हुए आर्थिक और सार्वजनिक नीति (पब्लिक पॉलिसी) के विद्वानों को सरकारी तंत्र का हिस्सा बनाया था।
आँकड़ें बताते हैं कि मोदी सरकार की सख्ती, प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों में तेजी और अर्बन नक्सलियों पर शिकंजा कसे जाने से लाल आतंकी की जड़ें सिकुड़ी हैं। लेकिन, खूनी खेल के लिए नए मैदान तलाश रहे वाम आतंकियों के समूल नाश के लिए उनके अर्थ तंत्र पर चोट जरूरी।
चीन ने कहा है कि पानी से सम्बंधित परियोजनाओं में जनता की भागीदारी काफ़ी महत्वपूर्ण और ज़रूरी होती है। ख़ासकर, जब मामला जल-संरक्षण और पर्यावरण से जुड़ा हो। चीन के अधिकारियों ने कहा कि भारत ने 'नमामि गंगे' के तहत जो किया है, वह अनुकरणीय है।
सरकार वित्तीय घाटे को जीडीपी का 3.3% रखने का लक्ष्य लेकर चल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस रेकॉर्ड ट्रांसफर से सरकारी बैंकों में कैपिटल डाले जाने की उम्मीद है। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर और शेयर बाजार को भी बूस्ट मिलने की संभावना है।
सेवानिवृत्त किए गए सभी अधिकारी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, मेरठ और चेन्नई टैक्स यूनिट से जुड़े हुए हैं। एक पर कथित रूप से दुबई से 1224 ग्राम सोना लेकर आए एक युवक से दिल्ली हवाई अड्डे पर 58 ग्राम सोना लेने का भी आरोप है।
पिछले दिनों जयराम रमेश ने कहा था कि पीएम मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है। उनके काम को स्वीकार नहीं करना और हर समय खलनायक की तरह पेश कर कुछ हासिल नहीं होने वाला है। सिंघवी और थरूर ने उनके बयान का समर्थन किया था।
"मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में केंद्र इस पर (आर्थिक मंदी पर) ठोस कदम उठाएगा। जो भी कदम केंद्र उठाएगा, दिल्ली सरकार का उन्हें पूरा समर्थन मिलेगा। मैं नौकरियों के खोने को लेकर व्यक्तिगत रूप से चिंतित हूँ।"