जिन 7 महिलाओं को आज पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट संचालित करने का मौका मिला, वो सभी अलग-अलग क्षेत्रों से संबंध रखती हैं। इनमें जल संरक्षण से लेकर दिव्यांग जनों के लिए काम करने वाली स्त्रियाँ भी शामिल हैं।
राजपथ के हुनर हाट स्थित जिस लिट्टी चोखा स्टाल पर मोदी ने लिट्टी चोखा का स्वाद लिया था, उस गुमनाम पड़े स्टॉल में आज भीड़ समाए नहीं समा रही। वहीं कर्नाटक के रायचूर स्थित जिस पकौड़े वाली दुकान पर राहुल ने पकौड़े खाए थे, उस पर लगा ताला, सोशल मीडिया पर लोगों ने लिए मजे।
इस मुलाकात की वजह नहीं बताई गई है। लेकिन, सीएम बनने के बाद दिल्ली की अपनी पहली यात्रा पर उद्धव ऐसे वक्त में आ रहे हैं जब एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के साथ अनबन की खबरें चर्चा में हैं। इससे महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मियॉं अचानक से तेज हो गई हैं।
“उरजुल हसन पर प्रधानमंत्री और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है। राजनैतिक तटस्थता बनाए रखने में नाकाम रहने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।”
हाल ही में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित काजी मासूम अख्तर ने कहा कि मुझे अपने जीवन जीने से डर है और बंगाल में मेरी कभी भी हत्या की जा सकती है। उन्होंने सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर कहा कि इससे मुस्लिमों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।
सोरोस के मुताबिक, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नरेंद्र मोदी भारत को एक हिन्दू राष्ट्रवादी देश बना रहे हैं। मुस्लिम बहुल अर्ध-स्वायत्त कश्मीर पर दंडात्मक उपाय किए और लाखों मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं।
ये पहला मौक़ा नहीं है, जब सेना ने इस तरह किसी गर्भवती महिला की मदद के लिए तत्परता दिखाई हो। कुछ दिन पहले ही कुपवाड़ा में भी गर्भवती महिला तस्लीमा को सेना के जवानों ने नई ज़िंदगी दी थी।
AMU में विरोध प्रदर्शन के नाम पर एक बार फिर आपत्तिजनक नारे लगाए जाने का मामला सामने आया है। अलीगढ़ पुलिस ने इस मामले में करीब 60 छात्रों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। भड़काऊ नारेबाज़ी करने वालों से सख़्ती से निपटने की बात कही गई है।
फोर्ब्स की विश्व के टॉप-20 लोगों की सूची लीक होने के बाद लिबरल गिरोह में फूट पड़ चुकी है। खान मार्केट गैंग का कहना है कि मोदी-शाह ने साजिशन कन्हैया कुमार का नाम सूची में डलवाया है। जबकि रवीश (NDTV वाले) ने कन्हैया पर जात भाई को ही दगा देने का गंभीर आरोप लगाया।
झामुमो के साथ कॉन्ग्रेस पहले भी सरकार में साझेदार रही है। फिर भी हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण में सोनिया गॉंधी नहीं पहुँचीं। क्या कर्नाटक के अनुभव और आम चुनावों के नतीजों से मारा विपक्ष अब मट्ठा भी फूॅंक-फूॅंक कर पी रहा है?