गुजरात कॉन्ग्रेस विधायक सोमा पटेल और जेवी काकडिया ने राज्यसभा में उनके समुदाय के सदस्य को न भेजे जाने से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सोमा पटेल ने राज्यसभा सीट कोली समुदाय को देने की माँग की थी। लेकिन गुजरात से कोली समुदाय के सदस्य को टिकट नहीं दिया गया।
राज्यसभा के लिए बीजेपी ने तीन उम्मीदवार खड़े कर कॉन्ग्रेस की नींद उड़ा दी है। उसे क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा है। इसके कारण 35 विधायक जयपुर और 15 उदयपुर ले जाए जा रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी ने बजट सत्र स्थगित कर फ्लोर टेस्ट की मॉंग की है।
उम्मीदवार बनाए गए डांगी सीएम गहलोत के बेहद करीबी बताए जाते हैं। उनकी उम्मीदवारी से पायलट भी सहमत नहीं थे। हालॉंकि आलाकमान के हस्तक्षेप पर वे मान गए। लेकिन, डांगी की उम्मीदवारी को लेकर अब भी पार्टी में एक राय नहीं है।
विधेयक में कहा गया है कि दो बच्चा नीति को मानने वालों को प्रोत्साहित और नहीं मानने वालों को सुविधाओं से वंचित किया जाना चाहिए। एक ही बच्चे पर नसबंदी कराने वालों को सरकार की ओर से विशेष प्रोत्साहन देने की पैरवी की गई है।
राकेश सिन्हा ने जुलाई 2019 में जनसंख्या विनियमन विधेयक को एक निजी विधेयक के रूप में पेश किया था। वहीं वर्ष 2018 सितंबर माह में कॉन्ग्रेस के राजनेता जितिन प्रसाद ने भी जनसंख्या वृद्धि की जाँच के लिए एक कानून बनाने की माँग की थी।
"कॉन्ग्रेस के समय में दंगे हुए, इन्होंने दंगों को शांत करने का प्रयास किया होगा और हम भी दंगों को शांत करेंगे। परन्तु इसको मेरी पार्टी और विचारधारा पर मढ़ने का प्रयास निंदनीय है, जब हकीकत ये है कि कॉन्ग्रेस के शासन में 76% लोग दंगों में मारे गए हैं।"
"मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाता हूँ कि दंगो के लिए जिम्मेदार लोग और दंगों का षड्यंत्र करने वाले लोग, चाहे वे किसी भी जाति, मजहब या पार्टी के हो, उन्हें किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।"
लोकसभा चुनाव के वक्त सार्वजनिक तौर पर कहा गया था कि राज्यसभा चुनाव के वक्त राजद अपने कोटे की एक सीट कॉन्ग्रेस को देगी। लेकिन, अब उसने दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। ऐसा कॉन्ग्रेस के वादा याद दिलाने के बावजूद किया गया है।
ट्विटर पर साझा जानकारी में यह भी कहा गया है कि इन नामों को भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति ने आगामी राज्य सभा चुनावों के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक 10 मार्च को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी।
पश्चिम बंगाल की 5 राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होने हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल में विधायकों के आँकड़े के लिहाज से 4 राज्यसभा सीटें टीएमसी के हिस्से में जाना तय हैं और बाकी एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है।