एनआईए ने 5 फरवरी 2021 को इस जमात-ए-इस्लामी पर अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक मामला दर्ज किया था। इससे पहले इसे केंद्र प्रतिबंधित घोषित कर चुकी है।
मुंबई के एंटीलिया केस में काली स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जाँच अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) करेगी। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिए हैं।
एनआईए ने बताया कि यह जानकारी खुफ़िया इनपुट से मिली है कि सोने की तस्करी के दौरान मिले रुपयों का इस्तेमाल आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए किया गया था।
NIA ने यह छापेमारी हिन्दू संगठनों के दो नेताओं की हत्या के मामले में की है। जानकारी के अनुसार दोनों ही नेताओं की हत्या की योजना कथित रूप से इस्लामिक स्टेट- स्टाइल ग्रुप ने रची थी, जिसके बाद NIA ने यह छापेमारी की है।
इस बैठक को संबोधित करते हुए एनआईए के डीजी योगेश चंद्र मोदी ने बताया कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन ने बिहार, महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में अपने सक्रियता बढ़ा दी है।
NIA की इंटेरोगेशन रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि सैयद अली शाह गिलानी, यासीन मलिक, उमर फारूक के रिकमेंडेशन लेटर के जरिए पाकिस्तान लीगल वीजा देकर कश्मीर के युवाओं को पाक में आतंक की ट्रेनिंग देता था। अब राष्ट्रीय आतंक विरोधी कानून (UAPA) के तहत इन नेताओं के खिलाफ NIA चार्जशीट दाखिल करेगी। इसके लिए NIA ने 214 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है।