क्षमता से ज्यादा भरी हुई लकड़ी की नाव में रोहिंग्या समुदाय के लोग बांग्लादेश के तटवर्ती इलाके कॉक्स बाजार से मलेशिया की ओर जा रहे थे, तभी नाव बंगाल की खाड़ी में डूब गई। तटरक्षक बल, नौसेना के गोताखोरों और अन्य बचाव दल ने अभी तक 14 महिलाओं, एक बच्चे और एक आदमी के शव को बरामद किया।
हिन्दू कहीं भी हो, कट्टर नहीं है। वो सामाजिक अपराध कर सकता है, धार्मिक आतंकवादी नहीं बनता। लेकिन, बांग्लादेशी यहाँ दीमक की तरह फैल रहे हैं, और समाज को खोखला कर रहे हैं। इन्हें बाहर फेंकना समय की माँग है, इसलिए इन्हें नागरिकता देने का तो सवाल ही नहीं उठता।
कॉक्स बाज़ार में स्थित शरणार्थी शिविरों में भारी भीड़ का हवाला दे बांग्लादेश करीब 1,00,000 शरणार्थियों को यहॉं से भेजना चाहता है। फ़िलहाल, शरणार्थी शिविरों में म्यामांर से आए 10 लाख से अधिक लोग रह रहे हैं।
इन गैरकानूनी शरणार्थियों को इकट्ठा होने दीजिए, एक बड़े जगह पर रखिए तो ये धीरे-धीरे अपने दीवार खड़े करते हैं, गैरमुस्लिम लोगों को उनके इलाके में घुसने से मना करते हैं, फिर संख्या बढ़ने पर स्थानीय प्रशासन से अपने लिए मजहबी आधार पर विशेष अधिकारों की माँग करते हैं, और एक समय आता है कि स्वीडन जैसे देश को बलात्कार के नक्शे पर नंबर एक बना देते हैं।
त्रिपुरा-असम बॉर्डर से रेलवे पुलिस फ़ोर्स ने 7 नाबालिग रोहिंग्यों को गिरफ़्तार किया है। सभी को उत्तरी त्रिपुरा के धर्मनगर रेलवे स्टेशन से गिरफ़्तार किया गया।
2019 के शुरुआती महीने में निर्वासन के डर से क़रीब 1300 रोहिंग्याओं ने बांग्लादेश में पलायन किया है, जिसकी वजह से नई दिल्ली को और केंद्रीय सरकार को काफ़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।